Chanakya Niti: बदलते परिवेश में किसी पर भी आंख मूंधकर भरोसा करने लायक नहीं है. आपका सबसे अच्छा दोस्त आपके बारे में क्या सोच रहा है, इसको पहचानना बहुत मुश्किल है. ऐसे में हर इंसान को चौकन्ना रहने की जरूरत है. हद से ज्यादा सीधा होना इस आधुनिक समय में सही नहीं है. इसके अलावा, हर इंसान पर भरोसा करना भी सही नहीं होता है. मीठा-मीठा बोलकर कब कोई आपको नुकसान पहुंचा दे, आप सोच भी नहीं सकते हैं. इसलिए इंसान को सोच-समझकर और परखकर दूसरों पर भरोसा रखना चाहिए. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी ही कुछ लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये इंसान कब घात कर दें, कोई भरोसा नहीं है.
नखीनां च नदीनां च शृंगिणां शस्त्रपाणिनाम्।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
- आचार्य चाणक्य इस श्लोक के जरिए बताते हैं कि व्यक्ति लंबे नाखून वाले हिंसक पशुओं, नदियों, बड़े-बड़े सींगवाले पशुओं, हथियार रखने वाले, महिलाओं और राज-परिवारों का कभी विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये कब घात कर दें, कब आपको चोट पहुंचा दें, कोई भरोसा नहीं है.
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- चाणक्य नीति के मुताबिक, खतरनाक जानवरों, तेज बहाव वाली नदियों और बड़े-बड़े सींग वाले जानवरों के ज्यादा नजदीक नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इन लोगों के पास जाना खतरे से खाली नहीं होता है. ऐसे में इन पर भरोसा नहीं रखना चाहिए.
- इस श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य कहना चाह रहे हैं कि महिलाओं पर आंख मूंधकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. दरअसल, चाणक्य का कहना है कि कई महिलाएं ऐसी होती हैं कि जो कहती कुछ हैं और करती कुछ और हैं. ऐसे में महिलाओं पर आसानी से भरोसा नहीं कर लेना चाहिए.
- वर्तमान समय में राजपरिवार तो नहीं है. ऐसे में राजनीति से जुड़े लोगों पर हद से ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए. जो लोग राजनीति से जुड़े होते हैं, वे बहुत ही परिवर्तनशील होते हैं. ये लोग सत्ता में आने के लिए कई तरह की चाल चलते हैं.
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