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भगवान को करना है खुश तो कर लें यह 7 काम, देवी-देवताओं का हाथ रहेगा आपके सिर पर

Chanakya Niti: चाणक्य नीति में बताए गए 7 सरल उपाय अपनाकर आप देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. जानिए सत्य, सेवा, दान और भक्ति के महत्व.

Chanakya Niti: लोग देवी देवताओं को खुश करने के लिए कई प्रकार के पूजा अनुष्ठान करते हैं. लेकिन उन्हें नहीं पता होता है कि यह सब करके कभी भी उन्हें खुश नहीं किया जा सकता है. चाणक्य नीति के अनुसार इसके साथ साथ उन्हें कई चीजों का पालन करना पड़ता है, तभी जाकर देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कि चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के क्या उपाय बताए हैं.

सत्य और धर्म का पालन करें

चाणक्य कहते हैं: “सत्यं धर्मं च पालनं, देवता सदा तुष्टाः भवंति” अर्थात जो व्यक्ति सत्य और धर्म के मार्ग पर चलता है, देवी-देवता स्वयं ही उससे प्रसन्न होते हैं. झूठ, कपट और अधर्म के राह पर चलने से देवी देवता उनसे दूर हो जाते हैं.

ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पूजा-अर्चना करें

किस भी शास्त्र में ब्रह्ममुहूर्त-यानी सूर्योदय को अत्यंत शुभ माना गया है. चाणक्य भी इस वक्त को बेहद शुभ मानते थे. उनके अनुसार, इस समय में उठकर स्नान करके ईश्वर का ध्यान लगाएं तो आत्मा की शुद्धि होती है और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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माता-पिता और गुरु की सेवा करने से होता है फायदा

चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो अपने माता-पिता और गुरु की सेवा करता है, वह स्वयं भगवान की सेवा करता है. देवी-देवता ऐसे व्यक्ति से बेहद खुश रहते हैं.

दान-पुण्य करें

चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति अपने धन का उपयोग धर्म के कार्यों में करता है, उनसे देवी-देवता बहुत खुश रहते हैं. जैसे अगर कोई भूखे को भोजना कराता है, जरूरतमंदो की हमेशा सेवा करता है और मंदिरों में लगातार योगदान देते रहता है तो भगवान उनकी मदद खुद करते हैं. इसलिए चाणक्य ने कहा है कि धनं तु य: प्रयच्छति धर्माय, स देवताभिः पूज्यते.

मन, वाणी और कर्म में शुद्धता रखें

चाणक्य नीति यह स्पष्ट करती है कि देवी-देवताओं को केवल बाह्य पूजा से नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता से खुश किया जा सकता है. क्योंकि मन, वाणी और कर्म- इन तीनों की पवित्रता से ही ईश्वर प्रसन्न रहते हैं.

अहंकार और दिखावे से बचें

चाणक्य चेतावनी देते हैं कि जो व्यक्ति पूजा-पाठ को दिखावे और घमंड के रूप में करता है, उन्हें कभी भी अच्छे फल की प्राप्ति नहीं होती है. सच्ची भक्ति विनम्रता से आती है और यही देवी-देवताओं को प्रिय है.

रोजाना दीपक जलाएं और स्तुति करें

चाणक्य नीति के अनुसार, घर में रोज दीप जलाने और भगवान की स्तुति (प्रशंसा) करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है.

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