Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभवों के आधार पर जीवन से जुड़े ऐसे मूल मंत्र बताए हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति सुखमय और सफल जीवन जी सकता है. चाणक्य कहते हैं कि जीवन में तीन चीजों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए – कर्ज, फर्ज और मर्ज.
ये तीनों अगर समय रहते न सुलझाए जाएं, तो बड़ी समस्याओं का रूप ले सकते हैं. आइए जानते हैं इन तीनों का जीवन में महत्व क्या है और क्यों इन्हें छोटा नहीं समझना चाहिए.
Chanakya Niti | Life lessons from Chanakya: कर्ज, फर्ज और मर्ज

1. कर्ज (ऋण)
चाणक्य के अनुसार कर्ज भले ही थोड़ा हो, लेकिन अगर उसे समय पर चुकाया न जाए तो वह बोझ बन जाता है. यह व्यक्ति की आत्मशांति और सामाजिक प्रतिष्ठा दोनों को नष्ट कर देता है. कई बार लोग सोचते हैं कि छोटा-मोटा कर्ज है, बाद में चुका देंगे, लेकिन यही सोच भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बनती है. इसलिए चाणक्य कहते हैं – चाहे कर्ज छोटा हो या बड़ा, उसे तुरंत चुकाने का प्रयास करना चाहिए.
2. फर्ज (कर्तव्य)
जीवन में हर व्यक्ति के कुछ ना कुछ फर्ज होते हैं – परिवार के प्रति, समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति. चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों को नजरअंदाज करता है, वह न तो अपने जीवन में सम्मान पा सकता है और न ही आंतरिक संतोष. छोटे-छोटे फर्जों को टालते-टालते व्यक्ति अपने पूरे जीवन का उद्देश्य भूल जाता है. इसलिए कर्तव्य को समय पर निभाना अत्यंत आवश्यक है.
3. मर्ज (रोग)
चाणक्य के अनुसार कोई भी बीमारी, चाहे वह छोटी सी ही क्यों न हो, समय रहते इलाज न होने पर गंभीर रूप ले सकती है. कई लोग सामान्य सर्दी-खांसी या बदन दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में बड़ी बीमारी का कारण बनती है. इसलिए शरीर में होने वाले किसी भी असामान्य परिवर्तन को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
Chanakya Niti हमें जीवन में संतुलन और सतर्कता सिखाती है. कर्ज, फर्ज और मर्ज – ये तीनों अगर समय पर संभाल लिए जाएं, तो व्यक्ति न केवल मानसिक रूप से शांत रहता है, बल्कि जीवन में उन्नति भी करता है. इसलिए इन तीन बातों को कभी भी छोटा न समझें.
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