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AI Girlfriend: वर्चुअल पार्टनर के साथ लोग बना रहे हैं डिजिटल रिश्ता,कितनी सही है ये आदत

AI Girlfriend: क्या आप जानते हैं कि लोग अब AI गर्लफ्रेंड के साथ डिजिटल रिश्ता बना रहे हैं? इस आर्टिकल में हम बताएंगे इसके फायदे और नुकसान, और क्यों यह आदत आपके असली रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है. जानिए एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं और इस नए ट्रेंड के पीछे की सच्चाई.

AI Girlfriend: आजकल टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है AI Girlfriend. लोग अब वर्चुअल पार्टनर के साथ अपनी फीलिंग शेयर कर रहे हैं और डिजिटल रिश्ता बना रहे हैं. किसी के लिए यह अकेलेपन को कम करने का जरिया है तो किसी के लिए एक रोमांचक टेक्नोलॉजी का अनुभव. लेकिन सवाल ये है कि क्या यह आदत सही है? क्या AI पार्टनर इंसानी रिश्तों की जगह ले सकते हैं? ऐसे में इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि AI Girlfriend के क्या फायदे हैं, इसके क्या नुकसान हैं और क्यों यह विषय आज की समाज और युवा पीढ़ी के लिए इतना महत्वपूर्ण बन गया है.

AI Girlfriend के फायदे

  • अकेलापन कम करने में मदद: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में बहुत से लोग अकेलापन महसूस करते हैं. AI गर्लफ्रेंड ऐसे समय में बातचीत का एक साथी बन सकती है. यह 24×7 उपलब्ध रहती है और हमेशा पॉज़िटिव रेस्पॉन्स देती है.
  • भावनाओं को व्यक्त करने का आसान जरिया: कई लोग अपनी असली भावनाएं किसी इंसान से कहने में झिझकते हैं. लेकिन वर्चुअल पार्टनर के साथ वे खुलकर बात कर पाते हैं. यह लोगों को खुद को समझने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है.
  • रिलेशनशिप स्किल्स का अभ्यास: कुछ लोग इसे रिलेशनशिप मैनेजमेंट की प्रैक्टिस के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं. बातचीत और इमोशन्स को मैनेज करने की आदत यहां सीखी जा सकती है.

AI Girlfriend के नुकसान

  • असली रिश्तों से दूरी: AI पार्टनर के साथ ज्यादा समय बिताने से इंसान असली रिश्तों में कम दिलचस्पी ले सकता है. इससे फैमिली और फ्रेंड्स के साथ दूरी बनने लगती है.
  • भावनात्मक निर्भरता: कई यूजर्स वर्चुअल पार्टनर पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं. यह इमोशनल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि AI इंसानी एहसास और समझ की बराबरी नहीं कर सकता.
  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर: कुछ रिपोर्ट्स और स्टडीज के अनुसार, AI गर्लफ्रेंड्स पर ज्यादा निर्भर रहने से अकेलापन और डिप्रेशन बढ़ सकता है. असली सामाजिक इंटरैक्शन कम होने पर मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और स्टडीज

  • PR Newswire रिपोर्ट: PR Newswire की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में लगभग 19% बड़े लोगों ने AI रोमांटिक पार्टनर के साथ बातचीत की है. इसका मतलब है कि वहां के काफी लोग अकेलापन दूर करने या नया अनुभव लेने के लिए वर्चुअल पार्टनर का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह दिखाता है कि यह ट्रेंड अब तेजी से आम हो रहा है.
  • Stanford HAI की स्टडी: Stanford HAI के शोधकर्ताओं का कहना है कि AI चैटबॉट्स से बातचीत असली इंसानी थेरेपी की बराबरी नहीं कर सकती. उनका मानना है कि इंसान के असली रिश्तों में जो गहराई, समझ और भावनाएं होती हैं, वो मशीन से मिलना मुश्किल है. यानी AI पार्टनर सिर्फ सीमित हद तक ही मदद कर सकते हैं.
  • ArtSmart.ai: ArtSmart.ai की एक स्टडी बताती है कि AI Girlfriend ऐप्स का मार्केट आने वाले समय में बहुत बड़ा हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार 2028 तक यह मार्केट करीब 9.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. यह बताता है कि इस तरह के ऐप्स की डिमांड दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Shubhra Laxmi
Shubhra Laxmi
Passionate about learning and sharing insights on health, wellness, self-care, and fashion while discovering meaning in everyday life.

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