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Silent heart attack : कैसे पहचाने संकेत, ध्यान से सुनें अपने ‘ दिल ’ की बात

Silent heart attack : हमारी जिंदगी दिल की धड़कनों के साथ जुड़ी है. इसलिए दिल का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. लेकिन भागती दौड़ती लाइफ में कई लोगों के पास खुद के लिए वक्त कहां ? इसी अनदेखी में कई बार साइलेंट तरीके से आपका दिल कब बीमार हो जाता है पता ही नहीं चलता.

Silent heart attack : कई बार सुनते हैं कोई सेहतमंद आदमी अचानक ही दिल का दौरा पड़ने से गुजर गया . ऐसा क्यों होता है ? दरअसल सिर दर्द हो या फीवर अपने लक्षणों के साथ उपस्थिति बता देते हैं. लेकिन कई ऐसी भी बीमारियां होती हैं जिनके कोई लक्षण सामने नहीं आते. साइलेंट हार्ट अटैक भी ऐसी ही स्थिति हैं. साइलेंट हार्ट अटैक या साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एसएमआई) ऐसी स्थिति हैं जहां दिल के दौरे के कोई लक्षण नहीं होते हैं, या हल्के लक्षण होते हैं, या ऐसे लक्षण होते हैं जो दिल के दौरे से मेल नहीं खाते हैं.

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Silent heart attack : कैसे पहचाने संकेत, ध्यान से सुनें अपने ‘ दिल ’ की बात 4

साइलेंट हार्ट अटैक का पता लगाना काफी मुश्किल होता है, इसमें अधिक लोगों की जान जाने की संभावना होती हैं. इसके लक्षण इतने मौन होते हैं कि सामने आने पर भी कई लोग इसपर ध्यान नहीं देते. ऐसा इसलिए कि उन्हें लगता है कि ये साधारण थकान ,जलन, गैस्ट्रिक,अपच की स्थिति है. जब समस्या बढ़ने लगती है. लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे लक्षणों के कारण जब तक लोग स्वास्थ्य जांच के लिए जाते हैं, तब तक यह घातक स्टेज में पहुंच जाता है. साइलेंट हार्ट अटैक के बाद दूसरा दिल का दौरा पहले की तुलना में अधिक घातक हो सकता है.

ये हो सकते हैं साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत

ऐसा महसूस होता है कि आपको फ्लू हो गया है. आप छाती, बांहों या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस कर सकते हैं. जबड़े का दर्द भी इसका संकेत हो सकता है. इसके अलावा दर्द, थकान, खट्टी डकार की समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है.

मधुमेह रोगियों और महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक होने की अधिक संभावना होती है. उन्हें यह पाचन समस्या, छाती या पीठ के ऊपरी हिस्से में मांसपेशियों में तनाव, अत्यधिक थकान जैसे अन्य लक्षणों की तरह लग सकता है. सामान्य तौर पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की संभावना दूसरों की तुलना में अधिक होती है. मधुमेह वाले व्यक्तियों में हृदय संबंधी जटिलताओं के विकसित होने की संभावना अधिक होती है, जिसमें साइलेंट हार्ट अटैक भी शामिल है. साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है हृदय रोग के मौजूदा जोखिम कारकों वाले व्यक्तियों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है. इन जोखिम कारकों में उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान, गतिहीन जीवन शैली और हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास शामिल है. कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ, जैसे क्रोनिक किडनी रोग, धमनी रोग, या स्ट्रोक का इतिहास, साइलेंट हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकता है.

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साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज एंजियोग्राफी के परिणामों पर निर्भर करता है . गंभीर रूप से ब्लॉक होने पर एंजियोप्लास्टी या बाईपास की आवश्यकता हो सकती है. एक अच्छी जीवनशैली को अपनाकर हम साइलेंट हार्ट अटैक को रोक सकते हैं. इसमें संतुलित आहार खाना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, धूम्रपान छोड़ना शामिल है अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो दिल की सेहत के लिए इससे दूरी बना लें . एक बड़ी बात यह है कि समय – समय पर नियमित जांच और स्क्रीनिंग से भी जोखिम कम हो सकता है.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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