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दिल्ली में Remdesivir Drug का अभाव, खतरे में कोरोना मरीजों की जान

Remdesivir drug, medicine, injection shortage in Delhi, India : देशभर में एंटीवायरल ड्रग (Antiviral Drug) रेमेडिसविर (Remdesivir) की कमी हो गयी है खासकर, दिल्ली में. डॉक्टरों ने इसकी कमी के लिए बढ़ती दवा की मांग और सीमित आपूर्ति को दोषी ठहराया है. ऐसे में देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों के बीच, रेमेडिसविर का अभाव (shortage of Remdesivir Drug) भारी पड़ सकता है. डॉक्टरों की मानें तो संक्रमण (Corona Infection) के मामले लगातार बढ़ रहे है लेकिन उस अनुसार दवा का आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

Remdesivir drug, medicine, injection shortage in Delhi, India : देशभर में एंटीवायरल ड्रग (Antiviral Drug) रेमेडिसविर (Remdesivir) की कमी हो गयी है खासकर, दिल्ली में. डॉक्टरों ने इसकी कमी के लिए बढ़ती दवा की मांग और सीमित आपूर्ति को दोषी ठहराया है. ऐसे में देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों के बीच, रेमेडिसविर का अभाव (shortage of Remdesivir Drug) भारी पड़ सकता है. डॉक्टरों की मानें तो संक्रमण (Corona Infection) के मामले लगातार बढ़ रहे है लेकिन उस अनुसार दवा का आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

आपको बता दें कि इस दवा की छह खुराक (प्रत्येक इंजेक्शन) की संक्रमित मरीजों को दी जाती है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) ने एक जून को गिल्डेड साइंसेज को इस दवा के आयात की अनुमति दी थी. इस कंपनी के पास रेमेडीसविर दवा (Remdesivir Medicine) का पेटेंट है.

गौरतलब है कि तीन दवा भारतीय निर्माता कंपनियों- हेटेरो, सिप्ला, और माइलान को भी इस दवा के देश में निर्माण की अनुमति दी गई है. वहीं, जुबिलेंट और ज़ाइडस सहित कई अन्य कंपनियों ने भी इसके निर्माण को लेकर आवेदन दे रखा है. फिलहाल, उन्हें मंजूरी नहीं मिली है. सभी ने पेटेंट धारक गिलियड के साथ समझौता किया है. कुछ दिनों पहले तक यह दवा देश के कुछ अस्पतालों में ही उपलब्ध थी.

वर्तमान में, हेटेरो द्वारा निर्मित यह जेनेरिक दवा दिल्ली समेत अन्य जगहों पर भी उपलब्ध है. कंपनी ने इसकी कीमत 5,400 रुपये प्रति शीशी रखी है. अंग्रेजी वेबसाइट एचटी में छपी खबर के मुताबिक इस कंपनी ने अब तक 20,000 शीशियों का निर्माण और आपूर्ति की है.

एचटी में छपी खबर के अनुसार दिल्ली के औषधि नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि दो अन्य कंपनियों द्वारा निर्मित जेनरिक दवा भी अगले कुछ दिनों में बाजार में आ सकती है. जिससे इसकी कमी पूरी की जायेगी. फिलहाल, हमें स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है. अभी देश में उपलब्ध दवा एक बांग्लादेशी संस्करण है, जो कोरोना के मरीजों को दिया जा रहा है.

उम्मीद है कि सिप्ला दवा सप्ताह के अंत से पहले लांच की जा सकती है. कई राज्य सरकारें भी इस दवा को खरीदने के लिए कतार में लगे हुए हैं. तो कुछ ने पहले से ही हेटेरो के साथ करार कर लिया है.

डीसीजीआई (DGCI) ने सोमवार को राज्य सरकारों को दवा के काला बाजारी रोकने की सलाह दी है. आपको बता दें कि दवा किसी फार्मेसी में उपलब्ध नहीं है. यह सीधे अस्पतालों में कोरोना मरीजों को ही दी जाती है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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