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Lack Of Sleep से हो सकती है Diabetes, हृदय रोग, मोटापा, डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियां, जानें गहरी नींद में सोने के फायदों के बारे में

Lack Of Sleep Effects, Gahri Nind Ke Fayde, Kam Nind Ke Nuksan, Sleep Lack Treatment, Effects: अच्छी सेहत के लिए गहरी नींद बेहद जरूरी है. वर्ल्ड स्लीप डे आने ही वाला है, और ऐसे मौके पर डॉ शैबाल गुहा, एम.डी.,सलाहकार और निदेशक, पॉजिटिव हेल्थ सेंटर, बोरिंग कनाल रोड, पटना हमें बताते हैं कि अच्छी नींद कैसे लें और नींद से जुड़े रोगों की रोकथाम के लिए क्या उपाय करें.

Lack Of Sleep Effects, Gahri Nind Ke Fayde, Kam Nind Ke Nuksan, Sleep Lack Treatment, Effects: अच्छी सेहत के लिए गहरी नींद बेहद जरूरी है. वर्ल्ड स्लीप डे आने ही वाला है, और ऐसे मौके पर डॉ शैबाल गुहा, एम.डी.,सलाहकार और निदेशक, पॉजिटिव हेल्थ सेंटर, बोरिंग कनाल रोड, पटना हमें बताते हैं कि अच्छी नींद कैसे लें और नींद से जुड़े रोगों की रोकथाम के लिए क्या उपाय करें.

नियमित तौर पर अच्छी नींद लेना आपके सेहतमंद भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. इस सच्चाई को पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है. दरअसल, आप जितनी देर तक गहरी नींद में सोते हैं, आपका स्वास्थ्य भी उतना ही बेहतर होता है और बदले में आपके जीवन में खुशहाली आती है. क्या आपको मालूम है कि हर साल 19 मार्च को ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ का आयोजन किया जाता है ताकि रोजमर्रा की सेहत व तंदुरुस्ती में नींद की अहमियत के बारे में लोगों को जागरूक बनाया जा सके. इस दिन पूरी दुनिया को यह एहसास दिलाया जाता है कि आपकी सामान्य सेहत और तंदुरुस्ती को बेहतर बनाने के लिए गहरी नींद में सोना बेहद महत्वपूर्ण है.

रात को चैन की नींद सोने के कई फायदे हैं. शुरुआत में कुछ लोग ऐसा सवाल कर सकते हैं कि वे समय पर सोते हैं, उनका मन हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है, उनकी कॉग्निटिव स्किल्स बेहतर होती हैं और अन्य शारीरिक व मानसिक कौशल भी अच्छा होता है, लिहाजा इन बातों को जानने की जरूरत क्या है. लेकिन, स्वस्थ जीवन के लिए यह तरीका सही नहीं है. अच्छी नींद के साथ-साथ स्वस्थ आहार और निरंतर व्यायाम मिलकर आपको बेहतर, तंदुरुस्त और ज्यादा सेहतमंद बनाते हैं.

लाखों लोग यह मानते हैं कि वे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है या किसी अन्य कारण से उन्हें जागना पड़ता है. ध्यान रहे कि नींद पूरी नहीं होने में तनाव की भी बड़ी भूमिका होती है. इसके अलावा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) भी नींद पूरी नहीं होने का एक बड़ा कारण है जो चुपचाप इंसानों को अपनी चपेट में ले लेता है.

OSA से पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शुरुआत में OSA से पीड़ित मरीज सोते समय सांस लेने में अस्थायी रुकावट का अनुभव करते हैं. इसकी वजह यह है कि OSA के कारण मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे व्यक्ति को सामान्य तौर पर सांस लेने में परेशानी होती है. रात में खर्राटे लेने की वजह भी यही है. OSA से पीड़ित लोग रात में सोते समय कम-से-कम 5 बार और अधिकतम 30 से अधिक बार सांस लेने में रुकावट का अनुभव करते हैं. इससे खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और व्यक्ति को रात में कई बार जागना पड़ता है.

इसके अलावा, अध्ययनों से पता चला है कि नींद की कमी तथा समय से पहले बीमारी और मौत के बीच एक गहरा नाता है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, नींद में कमी से कई गंभीर तथा जीवनशैली संबंधी बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जैसे कि टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा तथा डिप्रेशन.

डायबिटीज की बात की जाए, तो पर्याप्त समय तक गहरी नींद के आधार पर डायबिटीज का पूर्व अनुमान लगाया जा सकता है, क्योंकि इससे हीमोग्लोबिन A1c का स्तर बरकरार रहता है जो शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. हाल के शोध से पता चला है कि, पर्याप्त समय तक गहरी नींद लेने से टाइप 2 वाले डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर लेवल में सुधार किया जा सकता है.

यह बात भी सामने आई है कि, स्लीप एप्निया से पीड़ित लोगों में हृदय रोग (CVD) की संभावना काफी अधिक होती है. पर्याप्त समय तक अच्छी नींद पूरी नहीं कर पाने वाले ज्यादातर लोगों को हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, कोरोनरी हार्ट डिजीज तथा अनियमित दिल की धड़कन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से स्लीप एप्निया के मरीजों के हृदय रोग से पीड़ित होने का अनुमान लगाया जा सकता है.

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इस बीमारी का पता लगाने के लिए, बाजार में बेहद कम कीमतों पर कई तरह के डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध हैं. आप जांच के इन साधनों की मदद से अपने घर पर आराम से रहते हुए अपनी नींद के बारे में जान सकते हैं. इसका उद्देश्य स्लीप एप्निया से पीड़ित मरीजों की मदद करना है तथा उन्हें अपने सोने के तरीकों में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना है, जिन्हें इस बीमारी का पता ही नहीं होता है. सबसे महत्वपूर्ण बात, इस तरह के परीक्षण बेहद किफायती हैं, जिससे आपको किसी चिकित्सक से ऑनलाइन परामर्श लेने से पहले अपने नींद के पैटर्न की निगरानी करने में मदद मिलती है.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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