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E-cigarette: पैरेंट्स को देख बच्चों में बढ़ा धूम्रपान क्रेज, एक रिसर्च में हुआ खुलासा

E-cigarette: धूम्रपान सेहत के लिए बेहद खतरनाक है, ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चों के सामने स्मोकिंग करते हैं यहां आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि एक रिसर्च में पता चला है कि इन दिनों बच्चों में E-cigarette का तेजी से क्रेज बढ़ा है.

E-cigarette: माता-पिता के स्मोकिंग करने का सीधा असर उनके बच्चों पर पड़ता है. इससे पहले की बात बिगड़ जाए सभी धूम्रापान (Smoking) करने वाले पैरेंट्स को अभी ही संभल जाना चाहिए. विशेषज्ञों और डॉक्टर्स ने पहले ही चेताया है कि धूम्रपान करने से सेहत को कितना नुकसान पहुंचता है. इनका सेवन करने से सिगरेट पीने वाले ही नहीं बल्की इसके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए भी उतना ही खतरा है. इन दिनों ई-सिगरेट का चलन तेजी से बढ़ता जा है. एक रिसर्च में मालूम हुआ है कि जिनके पैरेंट्स सिगरेट पीते है उनके बच्चे भी इसका शौक पाल रहे हैं और सिगरेट या ई-सिगरेट (E- cigarette)पीने के आदी होते जा रहे है.

लड़के और लड़कियों में बढ़ा क्रेज

स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में प्रस्तुत किए गए शोध ने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता धूम्रपान करते थे, उनमें ई-सिगरेट (E- cigarette)की कोशिश करने की संभावना लगभग 55 प्रतिशत और धूम्रपान करने की संभावना लगभग 51 प्रतिशत बढ़ गई है. विशेषज्ञों ने बताया कि आयरलैंड और दुनिया भर में ऐसी स्थिति की निगरानी करने की आवश्यकता है. हम यह समझने के लिए सोशल मीडिया का अध्ययन करने की भी योजना बना रहे हैं कि यह लड़कियों और लड़कों को प्रभावित करता है.

क्या कहते हैं रिसर्चर

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि ई-सिगरेट (E- cigarette)की कोशिश करने वालों का अनुपात तेजी से बढ़ रहा है और जिसमें मुख्य रूप से लड़कों में ई-सिगरेट (E- cigarette)पीने की लत लग रही जबकि लड़कियों में इसके क्रेज तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसके अध्ययन के लिए, टीम ने 8 साल के 6,216 बच्चों के डेटा की जांच की, जिसमें यह जानकारी भी शामिल थी कि क्या वे धूम्रपान करते हैं या ई-सिगरेट (E- cigarette)का इस्तेमाल करते हैं.

तैयार की जा डेटा सेट

टीम ने आयरलैंड में किशोर ई-सिगरेट (E- cigarette)के उपयोग का सबसे व्यापक विश्लेषण के लिए कई आयरिश डेटा सेटों को भी जोड़ा, जिसमें 10,000 से अधिक आयरिश बच्चे (16 से 17 वर्ष की आयु) के बारे में जानकारी दी गई, ताकि कोशिश करने वाले या नियमित रूप से उपयोग करने वाले किशोरों की कुल संख्या को देखा जा सके.

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आंकड़ों पर डालें एक नजर

  • इससे पता चला कि ई-सिगरेट (E- cigarette)की कोशिश करने वालों का अनुपात 2014 में 23 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 39 प्रतिशत हो गया था.

  • पहली बार ई-सिगरेट (E- cigarette)की कोशिश करने वाले 2015 में 32 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 68 प्रतिशत हो गए. मात्र 3 प्रतिशत ने कहा कि वो धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं.

  • 2015 में 32 प्रतिशत बच्चों ने कहा पहली बार ई- सिगरेट (E- cigarette) कोशिश की, जो बढ़कर 2019 में 69 प्रतिशत हो गया.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar Digital Desk
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