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Corona के गंभीर मरीजों को स्वस्थ कर रही यह दवा, भारत में भी इस्तेमाल करने की मिली मंजूरी

antiviral remdesivir drug severe for serious patients of coronavirus, covid-19 treatment latest health news कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु दुनियाभर में शोध जारी है. कुछ दवाओं से बहुत हद तक मरीजों का ईलाज भी संभव हो पाया है. ऐसे में रेमडेसिविर (Remdesivir) मेडिसिन भी गंभीर मरीजों को स्वस्थ करने के काम आ रही है. भारत के लिए अच्छी बात है कि अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) द्वारा तैयार की गयी इस दवा को यहां भी इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गयी है.

antiviral remdesivir drug severe for serious patients of coronavirus, covid-19 treatment latest health news कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु दुनियाभर में शोध जारी है. कुछ दवाओं से बहुत हद तक मरीजों का ईलाज भी संभव हो पाया है. ऐसे में रेमडेसिविर (Remdesivir) मेडिसिन भी गंभीर मरीजों को स्वस्थ करने के काम आ रही है. भारत के लिए अच्छी बात है कि अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) द्वारा तैयार की गयी इस दवा को यहां भी इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गयी है.

अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक वैश्विक क्लिनिकल ट्रायल में साबित हुआ है कि कोविड-19 से लड़ने में यह दवा कारगार है. यही कारण है कि भारत की दवा नियामक निकाय सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDCSCO) ने रेमडेसिविर (Remdesivir) को देश में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है. खबरों की मानें तो इसे गंभीर मरीजों को दिया जाएगा. अर्थात वैसे मरीज जो कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें पांच दिनों तक यह दवा दी जाएगी.

फिलहाल, ग्लोबल सर्विसेज ने मुंबई की कंपनी क्लिनेरा को इस दवा के आयात की घोषणा की है. कंपनी द्वारा अब तक पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पांच दिनों तक ही इस दवा को चलाने की जरूरत है. 10 दिन चलाने पर भी वही परिणाम मिलता है और इससे खतरा भी बढ़ सकता है. फेज थ्री क्लिनिकल ट्रायल के अनुसार लगातार पांच दिन तक इस दवा को खाने से करीब 65 प्रतिशत मरीजों की हालत में 11वें दिन काफी सुधार देखा गया है.

अंग्रेजी वेबसाइट टीआई के मुताबिक इस दवा को मरीजों पर प्रयोग करने के लिए डॉक्टर से विशेष अनुमति की जरूरत है. रेमडेसिविर का उपयोग केवल अस्पताल में ही किया जाएगा.

आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सलाहकार डॉ. फॉसी ने इस दवा के बारे बता या था. व्हाइट हाउस में उन्होंने रेमडेसिविर की कामयाबी के बारे में घोषणा की थी. डॉ. फॉसी की मानें तो इस दवा का उपयोग अमेरिका, यूरोप सहित एशिया के 68 स्थानों पर किया गया है. करीब 1063 लोगों पर ट्रायल करने पर पता चला है कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस से लड़ने में कारगार है. जापान में भी इसे इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल चुकी है.

इधर, रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी देश की पहली कोविड-19 दवा को पंजीकृत कर दिया है. ऐविफैविर (Avifavir) नाम की यह दवा रूस ही नहीं बल्कि दुनियाभर की पहली दवा है जिसे अस्थायी रूप से पंजीकृत किया गया है.

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