Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: भारतीय टेलीविजन के सबसे लंबे समय तक चलने वाले सिटकॉम में से एक, तारक मेहता का उल्टा चश्मा ने 17 साल पूरे कर लिए हैं. इस शो ने दर्शकों को न केवल हंसी दी है बल्कि कलाकारों को भी घर-घर का जाना-पहचाना नाम बना दिया है. इनमें से एक हैं मयूर वकानी, जो सुंदरलाल यानी सुंदर के किरदार के लिए मशहूर हैं. हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक खास बातचीत में उन्होंने शो की सफलता और अपने किरदार को लेकर खुलकर बात की.
सुंदरलाल के किरदार पर दर्शकों की प्रतिक्रिया
मयूर ने बताया कि जब उन्होंने सुंदर का किरदार निभाना शुरू ही किया था, तब अहमदाबाद में एक शख्स ने उन्हें रोककर कहा था कि “यह अहमदाबादी नहीं लग रहा, अगर तुम ऐसा ही करोगे तो मैं तुम्हें मार दूंगा.” मयूर इस बात से परेशान होकर घर पहुंचे और अपने पिता को बताया. उनके पिता, जो थिएटर से जुड़े रहे हैं, ने उन्हें समझाया कि यही उनकी जीत है क्योंकि दर्शक उनके किरदार से गहराई से जुड़ चुके हैं.
मयूर को क्यों था खुद पर था शक?
मयूर ने कहा कि जब उन्होंने इस भूमिका की तैयारी शुरू की थी तो उन्हें खुद पर शक था. वे बचपन से तारक मेहता की रचनाएं पढ़ते आए थे और उनकी लेखनी ने उन्हें प्रेरित किया. “जेठालाल के गुस्से का वर्णन करते हुए उन्होंने लिखा था कि जैसे कोई मेंढक दो समोसों के बीच फंस गया हो. ऐसी बारीकियों को निभाना आसान नहीं था, लेकिन यही उनकी लेखनी की ताकत थी.”
शो के 17 साल की सफलता पर क्या बोले मयूर वकानी?
मयूर वकानी शो के 17 साल की सफलता पर कहा, “मुझे इस शो का हिस्सा बनाने के लिए मैं असित कुमार मोदी, दिलीप सर और पूरी टीम का शुक्रगुजार हूं. मैंने अपनी बहन के साथ थिएटर से शुरुआत की थी और लंबे समय तक उसके साथ काम किया. टीवी पर भी असित सर ने हमें एक साथ मौका दिया. हालांकि अब मेरी बहन इस शो में नहीं हैं, लेकिन मैं आज भी इस सफर को आगे बढ़ा रहा हूं.”

