नयी दिल्ली: अभिनेता मनोज वाजपेयी का मानना है कि व्यवसायिक सिनेमा भले ही बॉक्स ऑफिस पर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर ले लेकिन ऐसी फिल्में लंबे तक याद नहीं रखी जाती हैं. दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने वाले वाजपेयी को बडे पर्दे पर उनकी कई तरह की भूमिकाओं के लिए जाना जाता है.
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में चाहे एक गैंगस्टर की भूमिका हो या ‘राजनीति’ में एक तेज-तर्रार राजनेता की, वाजपेयी ने सभी तरह की भूमिकाएं की हैं. उनका मानना है कि ऑफबीट फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता लंबे समय तक दर्शकों के मनो-मस्तिष्क में अपना स्थान बनाए रखते हैं.
वाजपेयी ने बताया, ‘यहां, आमतौर पर मुख्यधारा की सिनेमा थियेटरों में चलती हैं. और इसके बाद लोग इसे टीवी पर भी दिखते हैं. लेकिन एक निश्चित समय पर उनका समय पूरा हो जाता है और उस समय हमारी फिल्मों का जीवन शुरु होता है. यह पूरे जीवन भर के लिए है.’
उन्होंने कहा, ‘यह पूरी दुनिया में पसंद की जाती है. ऐसे में यह इसकी खूबसूरती है. हम लोग अपनी फिल्मों के जरिए हमेशा लोगों के लिए उपलब्ध हैं. वे किसी के कहने या किसी की सलाह पर हमारी फिल्में देखते हैं. यह इन फिल्मों की खूबसूरती है जो इन्हें दीर्घकालीन बनाती है.’
मनोज वाजपेयी की फिल्म ‘नाम शबाना’ 31 मार्च को रिलीज होने जा रही है. फिल्म में तापसी पन्नू और अनुपम खेर भी लीड रोल में हैं. फिल्म में अक्षय कुमार ने कैमियो किया है. फिल्म का निर्देशन शिवम नायर ने किया है और इसके प्रोड्यूसर नीरज पांडे और शीतल भाटिया हैं. अक्षय और तापसी इससे पहले फिल्म ‘बेबी’ में काम कर चुके हैं.