फिल्मकार अनुराग कश्यप की आगामी फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ एक सीरीयल किलर की कहानी है जो मुंबई के फुटपाथ पर सो रहे लोगों को मौत के घाट उतार देता था. फिल्म में साइको किलर की भूमिका नवाजुद्दीन सिद्दकी ने निभाई है. उन्होंने इस किरदार को पर्दे पर जीवंत करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है जिसमें अभिनेता की मेहनत साफ नजर आ रही है. नवाजुद्दीन ने इस किरदार को अबतक का सबसे कठिन किरदार बताया है. जानें असली रमन राघव के बारे में…
1. रमन राघव ने 60 के दशक में बंबई के फुटपाथ पर सोने वाले लगभग 40 से ज्यादा लोगों की बड़ी बेरहमी से पत्थर से कूचकर या किसी भारी चीज से वार कर मौत के घाट उतार दिया था. यह बात खुद रमन राघव ने गिरफ्तारी के बाद कबूली थी.
2. ज्यादातर मर्डर रात में होते थे इसलिये पुलिस को इस अपराधी को पहचानने में बहुत मुश्किलें आ रही थी. रमन राघव का दहशत इस कदर था कि हर रात सैकडों पुलिसवालों को पैट्रोलिंग की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी.
3. वो एक विकृत मानसिकता से ग्रसित मनोरोगी था जो अपने ताकत के प्रदर्शन के लिए लोगों को मार देता था. हर उम्र का व्यक्ति, बच्चा और औरत इस किलर का शिकार होता है.
4. रमन राघव को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस का का्री मशक्कत करनी पड़ी थी. लोगों से मिली जानकारी के बाद स्कैच बनाकर इस अपराधी को पकड़ने में पुलिस का सफलता मिली. निचली अदालत में लंबी बहस के बाद रमन राघव को मौत की सजा सुनाई दी.
5. बंबई हाईकोर्ट ने मौत की सजा को कंफर्म करने से पहले जनरल सर्जन से तीन मनोवैज्ञानिक की टीम बनाकर यह तय करने के लिए कहा कि वो (रमन राघव) मानसिक रूप से बीमार है या नहीं.
6. तीनों वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक बातचीत की और यह निष्कर्ष निकाला कि वह मानसिक रोगी है. उसने कुछ ऐसी बातें कही है जो आम आदमी नहीं करता. इसके बाद उनकी सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दी गई.
7. 60 के दशक में रमन राघव का ऐसा खौफ था कि कोई भी व्यक्ति फुटपाथ पर सोने की जहमत नहीं उठाता था. कोई भी व्यक्ति फुटपाथ पर सोता था तो वो आसानी से इस साइको किलर का शिकार बन जाता था.