हीरोपंती के बाद टाइगर श्रॉफ की दूसरी फिल्म बागी आ रही है. वह अपनी इस फिल्म को एक्शन के मामले में अलहदा करार देते हैं. उनका कहना है कि इस फिल्म में पहली बार कलरी मार्शल आर्ट फॉर्म नजर आयेगा. इस फिल्म और उनके कैरियर पर उर्मिला और अनुप्रिया से उनकी बातचीत हुई.
आप अपनी पिछली फिल्म से ज्यादा फिट नजर आ रहे हैं.
कोशिश कर रहा हूं. काम है मेरा यही. खुशी है कि सभी नोटिस कर रहे हैं.
अब तक के प्रोमो में आप बेहतरीन एक्शन दृश्य करते नजर आ रहे हैं ऐसे में यह फिल्म आपके लिए फिजकली कितना चैलेंजिंग था?
फिजकली से ज्यादा मेरे लिए बागी मेंटली चैलेजिंग फिल्म थी कलरी नया आर्ट फॉर्म था. वैसे तो मैंने सारे स्टंट खुद किए हैं लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ कि शुरुआत में नहीं कर पाता था. अपने ही भीतर से एक अजीब सा ईगो मुझे धिक्कारता था कि मैं कैसे वह स्टंट नहीं कर पा रहा हूं. मेरे अंदर वह गुस्सा मुझे स्टंट को करने के लिए प्रेरित करता था. वैसे स्टंट करने के लिए मास्टर शीफू जी का शुक्रगुजार हूं. जो वह पूरी जर्नी में मेरे साथ थे.
इस फिल्म को हॉलीवुड फिल्म रेड से प्रेरित बताया जा रहा है आपका क्या कहना?
यार मैं बता रहा हूं ऐसा कुछ नहीं है. रेड पिक्चर एक्शन मूवी है बहुत जबरदस्त एक्शन है. बागी में भी है. शायद इसलिए की तुलना की जा रही है लेकिन सच कहूं तो दोनों एक दूसरे से काफी अलग है. बागी में एक्शन के अलावा गाने है. लव एंगल है. रेड में बस तोड़ फोड़ था. इसमे एक्शन के पीछे मकसद है. मैं रेड पिक्टर बहुत बड़ी एक्शन फिल्म है.
क्या आप हॉलीवुड फिल्में देखते हैं और उनकी एक्शन स्टाइल आपको प्रभावित करती है क्या?
मैं ज्यादा फिल्में नहीं देखता हूं. खुद की एक अलग स्टाइल बनाना चाहता हूं. किसी की नकल नहीं करना चाहता हूं. हां कभी कभी रेफरेंस प्वाइंट के लिए फिल्म देख लेता हूं. इस फिल्म के बाद मैं सुपरहीरो वाली फिल्म फ्लाईंग जट कर रहा हूं. इसके लिए मैं रितिक सर की फिल्म कृष देख रहा हूं. वैसे मैं रितिक सर का फैन हूं. मैं रितिक को बहुत मानता हूं. रितिक जैसा बनाना चाहता हूं.मैं उनसे मिलता हूं तो पाता हूं कि हमारी मेंटलिटी एक सी है. छोटी -छोटी चीजें मायने रखती है. बहुत ही असुरक्षित हमदोनों ही है.
अपने समकालीन अभिनेताओं की फिल्मों पर भी क्या आप ध्यान देते हैं?
मैं बिल्कुल भी नहीं देखता हूं. आजकल के जमाने में सब इतने तैयार है. मेहनती है. अगर मैं अपना समय उनको देखने में लगाऊंगा तो मैं पीछे रह जाऊंगा. अच्छा है कि उतने समय में मैं भी मेहनत कर लूं. थोड़ा नाम बना लूं.डांस, एक्टिंग, बॉडी लैग्वेज, लुक हर चीज पर काम करता हूं. इंडस्ट्री में नया हूं. हर दिन एक नया सफर है. मैं किताबें पढ़ता हूं. हां पिक्चर देखता हूं कभी कभी.
आपको कब लगा कि आप एक्टिंग कर सकते हैं?
बचपन से एक आवाज थी. सिर्फ अंदर से नहीं बल्कि आसपास के लोग भी मुझे एक्टिंग में ही देखना चाहते थे. दोस्त कहते थे. मेरे मां पापा के दोस्त भी यही अक्सर पूछते कि बेटा कब लांच हो रहा है. मैं तो हमेशा से फुटबॉळ प्लेयर बनना चाहता था लेकिन बहुत ही यंग एज में ही अॅाफर मिलने लगे. जिसके बाद मैंने तय किया कि मैं फिल्मों में एक्टिंग करूंगा. चूंकि मैं स्पोर्टपर्सन था इसलिए अपने एक्टिंग में भी मैंने स्पोर्टस का वह डिसिप्लीन हमेशा ही बरकरार रखा है.
आपको शुरुआत में सफलता मिली है. क्या अब असफलता से डर लगता है?
मेरे दिमाग में असफलता शब्द ही नहीं है. असफल न होऊं तभी तो इतना मेहनत करता हूं. इतना फोकस्ड हूं. मुश्किल है हारना मेरा. मैं हार नहीं सकता हूं. जब से मैं चार साल का था तब मैंने ब्रूस ली की फ़िल्म इंटर द ड्रैगन देखी . मार्शल आर्ट एक ठहराव लाया है. फोकस लाया और समर्पण भी. उसी समर्पण की वजह से मुझे पता है कि मेहनत जाया नहीं जाती है.
आप आपने फैंस से किस तरह से जुड़ते हैं और आपके फैंस बच्चे भी हैं?
सोशल मीडिया के ज़रिये मैं अपने दोस्तों से कनेक्ट करता हूं. मैं उन्हें फैंस नहीं दोस्त कहूंगा. मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मेरे फैन बच्चे हैं. मैं उनके लिए सुपरहीरो हूं. जब बच्चे लोग ऐसा बोलते हैं तो अच्छा लगता है. यही वजह है कि जब भी बच्चे ऐसा बोलते हैं कि ऐसा करो आप ये डांस मूव्स ये स्टंट मैं ज़रूर करता हूं.
आपकी सबसे बड़ी क्रिटिक्स कौन है?
मेरे बहन बहुत ही क्रिटकल है लेकिन बहुत ही हॉनेस्ट है. हर चीज कट टू कट जवाब देती है. उसने कभी भी मेरी झूठ मूठ की तारीफ नहीं की है.इस फिल्म के बारे में भी ट्रेलर आने के बाद पूछा तो उसने कहा कि एक्शन के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है. कैसी फिल्म है इसके लिए फिल्म देखना ज़रूरी है.
क्या आप मार्शल आर्ट के लिए भी कुछ करना चाहेंगे?
हां जरूर लेकिन अभी उस में समय है. जब मैं एक मुकाम पर पहुंच जाऊंगा. लोगों को मुझ पर थोड़ा विश्वास आ जाएगा तो मैं मार्शल आर्ट को ज़रूर प्रमोट करूंगा. सिर्फ फिटनेस के लिए बल्कि जिंदगी में अगर आपको एक दिशा चाहिए एक टारगेट चाहिए तो भी मार्शल आर्ट बहुत मदद करता है. मार्शळ आर्ट के जरिए मैं उन्हें वैल्यू सीखाना चाहूंगा.
आप युवा एक्टर्स में शायद ऐसे एक ही होंगे जो पार्टी से दूर रहते हैं. क्या वाकई इंडस्ट्री में वाकई काम पाने के लिए कैंप या दोस्ती की ज़रूरत नहीं है?
मैं अपने काम को लेकर बहुत खुश हूं. मुझे ग्लैमर वर्ल्ड की पार्टी या सोशल मीटिंग्स पसंद नहीं है. कुलमिलाकर मेरे दो तीन दोस्त है. मैं बहुत ही बोरिंग इंसान हूं. मैं पार्टी में जाकर मैं परेशान हो जाता हूं. मुझे अजीब सा लगता है। काम मिलने के लिए सिर्फ टैलेंट की जरूरत है उसके अलावा और कुछ नहीं.
