मुंबई : गुरमीत राम रहीम फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. आज इस मामले को लेकर सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सेमसनने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लीला सैमसन ने काम में दखल देने का आरोप लगाते हुए यह फैसला लिया है. यह फिल्म रविवार को रिलीज हो सकती है. वहीं दूसरी ओर इस मामले में सरकार ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.
उन्होंने एक अंगरेजी अखबार से बात करते हुए कहा है कि केंद्र की एनडीए सरकार हर छोटी और बडी फिल्म में हस्तक्षेप करती थी. उन्होंने कहा कि हर फिल्म के रिलीज होने से पूर्व सरकार द्वारा हस्तक्षेप किया जाता था. उन्होंने कहा कि आमिर खान की फिल्म पीके के मामले भी सरकार की ओर से हस्तक्षेप किया गया था. हालांकि सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे आरोप आधारहीन हैं.
इससे पहले राम रहीम की बहुप्रतिक्षित और विवादित फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी. इससे फिल्म के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है. फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दे दिया. गुरमीत राम-रहीम सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख हैं. हाल ही में इनपर आश्रम के भक्तों को नपुंसक बनाने के मामले में केस दर्ज किया गया है. इनपर हत्या और रेप का भी आरोप है.
कुछ दिन पहले ही सेंसर बोर्ड ने गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था. सेंसर बोर्ड की फुल बेंच ने मैसेंजर ऑफ गॉड को देखने के बाद इसे फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल के पास भेज दिया था. इस फिल्म पर अकाल तख्त समेत कई सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए बैन लगाने की मांग की थी. गृह मंत्रालय ने भी ये आशंका जताई है कि फिल्म को देखने के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है.
एक अन्य घटनाक्रम में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुख्य भूमिका वाली विवादास्पद फिल्म ‘‘मेसेंजर आफ गॉड’’ को फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) द्वारा प्रदर्शन के लिए हरी झंडी दिये जाने की खबरों के बीच सेंसर बोर्ड प्रमुख लीला सैमसन ने गुरूवार रात कहा कि उन्होंने पद से त्यागपत्र देने का निर्णय कर लिया है.