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‘पीके’ का विरोध तेज, आमिर खान की फिल्म के खिलाफ लामबंद हुए धर्मगुरु

नयी दिल्ली/लखनऊ : धार्मिक अंधविश्वास और साधु-संतों को निशाने पर लेनेवाली आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ पर हंगामा लगातार बढ़ रहा है. हिंदू संगठनों ने रविवार को मांग की कि धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाली फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया जाये. योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि ‘पीके’ और इसमें काम करनेवाले लोगों का सामाजिक […]

नयी दिल्ली/लखनऊ : धार्मिक अंधविश्वास और साधु-संतों को निशाने पर लेनेवाली आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ पर हंगामा लगातार बढ़ रहा है. हिंदू संगठनों ने रविवार को मांग की कि धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाली फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया जाये. योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि ‘पीके’ और इसमें काम करनेवाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए. 19 दिसंबर को रिलीज होने के बाद पहले नौ दिनों में फिल्म 214 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है. फिल्म में अनुष्का शर्मा, संजय दत्त और सुशांत सिंह राजपूत ने भी अभिनय किया है.

फिल्म को लेकर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जनजागृति समिति और अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने विरोध प्रदर्शन किये हैं, जबकि फिल्म पर हिंदू देवी-देवताओं का उपहास करने और ‘अति उकसावपूर्ण’ होने के आरोप लगाते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस के समक्ष शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. वहीं, मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि फिल्म ‘पीके’ में कुछ दृश्यों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बातें सामने आ रही हैं. सेंसर बोर्ड को ऐसे दृश्यों को काट देना चाहिए, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव न बिगड़े और गंगा-जमुनी तहजीब प्रभावित न हो. अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब किसी के जज्बात को ठेस पहुंचाना नहीं है.

दक्षिण पंथी नेताओं ने मुसलिम होने की वजह से आमिर पर हिंदू धर्म का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया, तो आमिर ने कहा, ‘हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं. मेरे सभी हिंदू दोस्तों ने फिल्म देखी है और उन्हें ऐसा नहीं लगा.’ उन्होंने फिल्म के निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘राजू हिरानी हिंदू हैं, विधु विनोद चोपड़ा व अभिजात जोशी हिंदू हैं. फिल्म निर्माण दल के 99} लोग हिंदू थे. कोई ऐसा नहीं करता.’

हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने आरोप लगाया कि फिल्म में ‘गौ माता’ और भगवान शिव जैसे देवी-देवताओं को जिस तरह दिखाया गया है, वह सनातन धर्म का अपमान है. कहा, ‘उन्होंने अमरनाथ यात्र पर सवाल उठाये हैं. जान-बूझ कर ऐसी टिप्पणियां फिल्म में की हैं कि फिल्म हिट हो जाये और ज्यादा पैसे कमायें. उन्होंने सभी धर्मो की भावनाओं को आहत किया है. सबको मिल कर सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा न हो.’ वहीं, बाबा रामदेव ने मुंबई में कहा, ‘जब बात ईसाई धर्म या इसलाम की हो, तो लोग कुछ भी कहने से पहले 100 बार सोचते हैं. लेकिन, हिंदू धर्म के बारे में लोग बिना कुछ सोचे-समङो कुछ भी बोलते हैं. यह शर्मनाक है.’

निर्देशक राज कुमार हिरानी ने किया फिल्म का बचाव

फिल्म का बचाव करते हुए निर्देशक राज कुमार हिरानी ने कहा कि ‘फिल्म का मूल विचार यह है कि हम हिंदू या मुसलिम या सिख या ईसाई के जन्मजात निशान के साथ पैदा नहीं होते’ और हमें एक निश्चित जीवन शैली और कुछ रीतियों का पालन करना पड़ता है. हमने आमिर को दूसरे ग्रह के व्यक्ति के तौर पर दिखाने का फैसला किया, जिसका मतलब था कि उसमें पृथ्वी पर धर्म को लेकर कोई विचार या धारणाएं नहीं थीं.

सेंसर बोर्ड का कांट-छांट से इनकार

सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कांट-छांट करने से साफ इनकार किया है. बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने कहा, ‘हर फिल्म धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है. हम बिना जरूरत के दृश्य नहीं हटा सकते, क्योंकि रचनात्मकता नाम की भी कोई चीज होती है, जहां लोग अपने तरीके से चीजें पेश करते हैं.’

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