मुंबई:बंबई उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट की अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें याचिका देकर शाहरुख खान की पत्नी के तीसरे बच्चे के जन्म से पहले लिंग परीक्षण से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गयी थी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते धेरे ने अपने फैसले में कार्यकर्ता वर्षा देशपांडे की याचिका में की गयी मांग को खारिज कर दिया. देशपांडे ने यहां मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष शिकायत देकर शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और आरोप लगाया था कि सरोगेट मां के माध्यम से अपने बेटे अबराम के जन्म से पहले गौरी ने लिंग परीक्षण कराये.
शिकायत एक अखबार के लेख पर आधारित थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि दंपती अपने बच्चे का लिंग परीक्षण कराना चाहता था. उन्होंने मांग की कि अगर वृहन्मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के पास कोई दस्तावेज हैं तो मुहैया कराये जायें जो प्री कंसेप्शन एंड प्री नटाल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (लिंग चयन प्रतिबंध) कानून के तहत प्राधिकार है.