- फिल्म : लवयात्री
- निर्माता : सलमान खान फिल्म्स
- निर्देशक : अभिराज मीनवाला
- कलाकार : आयुष शर्मा, वरिना हुसैन, राम कपूर, रोनित रॉय और अन्य
- रेटिंग : दो स्टार
उर्मिला कोरी
नये कलाकारों की लॉन्चिंग के लिए रोमांटिक फिल्म से बेहतर और क्या हो सकता है! ये दशकों पुराना जॉनर है. जिसे अलग-अलग फाॅर्मूले के जरिये लगातार इस्तेमाल किया गया है. सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा को भी इसी जॉनर की फिल्म ‘लवयात्री’ के साथ लाॅन्च किया गया.
फिल्म के ‘लवयात्री’ की बात करें तो यह शुश्रुत (आयुष शर्मा) और मनीषा (वरिना) की कहानी है. वरिना लंदन से गुजरात आयी हुई है. वो भी नवरात्रि में. गरबा में शुशु को पहली नजर का प्यार मनीषा से हो जाता है.
9 दिन के गरबा में इनकी प्रेमकहानी शुरू हो जाती है लेकिन 10वें दिन मनीषा के पिता कहानी के विलन बन इस जोड़ी के बीच दूरियां लाने में कामयाब हो जाते हैं. मनीषा लंदन चली जाती है. आयुष अपने मामा (राम कपूर) की मदद से लंदन जाकर अपने प्यार में आयी दूरियों को खत्म करने का फैसला लेता है. आयुष अपने फैसले में कितना कामयाब होगा, यही आगे की कहानी है.
इस प्रेमकहानी में कुछ भी नया नहीं है. दशकों पुरानी थीम जहां अमीरी गरीबी की दीवार है और लड़की का पिता विलन है. फिल्म देखते हुए समझ ही नहीं आता कि वरिना आयुष को क्यों प्यार करने लगती है. अचानक से क्लाइमेक्स में क्यों रोनित का किरदार मान जाता है. कहते हैं कि प्यार में लॉजिक नहीं मैजिक ढूंढना चाहिए. इसमें दोनों नहीं है. जिस वजह से यह प्रेमकहानी बोझिल लगती है.
एक्टिंग की बात करें, तो आयुष शर्मा ने फिल्म में बॉडी से लेकर डांस सभी का बेहतरीन इस्तेमाल किया है हां बस एक्टिंग में वे चूक गये हैं. जिस पर उन्हें सबसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत थी. वरिना का फिल्म में लगभग एक सा ही एक्सप्रेशन है. आयुष के दोस्तों के किरदार में दोनों कलाकार अच्छे हैं. राम कपूर और रोनित रॉय का काम ठीक ठाक है. फिल्म के अंत में सोहेल और अरबाज भी दिखते हैं, लेकिन वो भी फिल्म में कुछ खास इंटरटेनमेंट नहीं जोड़ पाते हैं.
फिल्म के गीत-संगीत की बात करें, तो एकमात्र वही फिल्म का प्लस पॉइंट है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी अच्छी है. कुल मिलाकर लवयात्री एक कमजोर फिल्म है.