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रजनीकांत बस नाम ही काफी है! जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

चेन्नई : साल के आखिरी दिन रजनीकांत ने राजनीति में आने का ऐलान कर दिया है. जानकारों की मानें तो उनकी सियासी पारी तमिलनाडु में जयललिता के जाने के बाद रक्त हुए स्थान को भरने का काम करेगी. शायद थलाइवा ही हैं जो अम्मा के बराबर की जगह पा सकते हैं. आइए आपको बतातें हैं […]

चेन्नई : साल के आखिरी दिन रजनीकांत ने राजनीति में आने का ऐलान कर दिया है. जानकारों की मानें तो उनकी सियासी पारी तमिलनाडु में जयललिता के जाने के बाद रक्त हुए स्थान को भरने का काम करेगी. शायद थलाइवा ही हैं जो अम्मा के बराबर की जगह पा सकते हैं. आइए आपको बतातें हैं उनसी जुड़ी खास बातें…

1.रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. उनकी इमेज बेशक भगवान और सुपरमैन जैसी है, लेकिन असली कहानी इस परीकथा से एकदम अलग है.

2.सुपरस्टार रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को एक मराठी परिवार में हुआ था.

3.चार भाई-बहनों में रजनीकांत सबसे छोटे हैं. वह काफी छोटे थे, जब उनकी मां का निधन हो गया.

4.रजनीकांत के घर की माली हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्हें कई छोटे-मोटे काम करने पड़े. उन्होंने कारपेंटर के काम से लेकर कुली बनने तक का काम किया, ताकि परिवार को सपोर्ट कर सकें. हालांकि इस सबके बीच भी उनका झुकाव सिनेमा की ओर बना रहा.

5.रजनीकांत अक्सर स्कूल प्ले में हिस्सा लेते थे. यहीं से उन्होंने अपना एक्टिंग का हुनर संवारने का काम किया.

6.स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बतौर बस कंडक्टर काम करना शुरू किया. इसी दौरान उन्होंने कन्नड़ रंगमंच में भी काम शुरू किया.

7.1973 में वह मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से जुड़े. इस दौरान वह इंडियन फिल्म डायरेक्टर के. बालचंद्र के संपर्क में आए. उस वक्त रजनीकांत उन्हें कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाये थे.

8.1975 में रजनीकांत और के. बालंचद्र एक बार फिर मुलाकात हुई. तब बालचंद्र ने उन्हें एक छोटा सा रोल ऑफर किया था.

9.रजनीकांत को पहली सफलता मिली फिल्म भैरवी से, इसमें वह मुख्य भूमिका में थे. इसके बाद वो समय भी आया जब रजनीकांत के बारे में के. बालचंद्र ने कहा- वो मुझे अपना स्कूल मानता है, लेकिन मैं कहूंगा कि इस रजनीकांत को मैंने नहीं बनाया, उसने खुद समय के साथ अपने हुनर को निखारने का काम किया. मैंने उसे दुनिया के समक्ष पेश किया और उसने दुनिया को जीत लिया.

10.सन् 1975 के बाद रजनीकांत ने कई सुपरहिट फिल्में दीं. थलापति (1991), अन्नामलाई (1992), बाशा (1995) और पदायाप्पा (1999) उनकी कुछ बेहद सफल फिल्में हैं. इन फिल्मों के बाद वह सिर्फ अभिनेता नहीं रहे, आइकन बन गये. उनकी फिल्मों और डायलॉग्स का छह साल के बच्चों से लेकर 60 साल तक के बुजुर्गों तक आनंद लेते हैं.

11.2000 में रजनीकांत को पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा गया. इसके बाद साल 2007 में उनकी फिल्म शिवाजी आयी और साल 2010 में रोबोट, दोनों ही फिल्में ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई. अब अगले साल उनकी फिल्म 2.0 रिलीज होने वाली है, जिसे इंडियन सिनेमा की अब तक की सबसे महंगी फिल्म बताया जा रहा है.

12.रजनीकांत की मौजूदगी, उनकी आवाज, उनका अहसास, उनकी एक तस्वीर भी फैंस की भीड़ इकट्ठा करने के लिए काफी है. उनकी फिल्में रिलीज होती हैं, तो लोगों के लिए त्योहार जैसा माहौल हो जाता है. फैंस उनकी तस्वीरों को दूध से नहलाते हैं. उनकी आरती उतारी जाती है.

13.रजनीकांत की फिल्में इतनी भीड़ जुटा लेती हैं कि फिल्म रिलीज के दिन को हॉलीडे डिक्लेयर कर दिया जाता है. कुछ लोग उन्हें सुपरस्टार कहते हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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