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शाहरुख ने गौरी संग अपने लवलाईफ को लेकर खोले कई दिलचस्‍प राज, पढ़ें पूरा इंटरव्यू

रुपहले परदे पर ‘रोमांस के बादशाह’ शाहरुख खान और रोमांटिक फिल्में बनाने में माहिर निर्देशक इम्तियाज अली की जोडी़ फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ में एक साथ काम कर रहे हैं. शाहरुख खान इम्तियाज़ अली की फिल्मों को अलग तरह की रोमांटिक फिल्में बताते हैं. इस फिल्‍म में शाहरुख और अनुष्‍का लीड रोल में हैं. […]

रुपहले परदे पर ‘रोमांस के बादशाह’ शाहरुख खान और रोमांटिक फिल्में बनाने में माहिर निर्देशक इम्तियाज अली की जोडी़ फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ में एक साथ काम कर रहे हैं. शाहरुख खान इम्तियाज़ अली की फिल्मों को अलग तरह की रोमांटिक फिल्में बताते हैं. इस फिल्‍म में शाहरुख और अनुष्‍का लीड रोल में हैं. इस फिल्‍म के कई पोस्‍टर्स और मिनी ट्रेलर्स रिलीज हो चुके है जिसे दर्शक शानदार रिस्‍पांस दे रहे हैं. फिल्‍म को लेकर शाहरुख और अनुष्‍का भी खासा उत्‍साहित हैं. रोमांस के बादशाह के निजी जिंदगी और रुपहले परदे के रोमांस सहित दूसरे पहलुओं पर हुई हमारे संवाददाता उर्मिला कोरी बातचीत के प्रमुख अंश…

इम्तियाज की ख्वाहिश आपके साथ फिल्म करने की रही हैं, क्या बातें थी जो इस बार आपने उनकी फिल्म को हां कह दिया ?
मैं इम्तियाज को कई सालों से जानता हूं. कई बार उनसे मिला हूं. कई बार उन्होंने मुङो अपनी कहानियां बतायी हैं. जिसमे मैं नहीं था या मुङो ऑफर नहीं हुई थी तो भी वह मुझे कहानियां बताते रहते हैं. बहुत ही शरीफ से इंसान हैं. मुङो उनकी खासियत यह लगती है कि वह अपनी फिल्म से बहुत इमानदार हैं. वह दांव पेंच नहीं लगाते हैं. जो हैं वह है. वह अपनी फिल्मों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करते हैं. कमर्शियली ऐसी फिल्में बनाऊंगा तो अच्छा रहेगा. ऐसा नहीं सोचते हैं. रिलेशनशिप पर बहुत अच्छा लिखते हैं. जब उन्होंने सवा साल पहले मुङो इस फिल्म की कहानी सुनायी थी तो मुङो यह बहुत पसंद आयी थी. खुशनुमा होने के साथ साथ फिल्म संवेदनशील भी है. लड़कियों को यह फिल्म बहुत पसंद आएगी क्योंकि जिस तरह से इस फिल्म की कहानी को कहा गया है. वह खास है. मैं खुद एक अरसे से शुद्ध रोमांटिक फिल्म करना चाहता था क्योंकि काफी समय नहीं की थी. ये मेरी एज और जोन के हिसाब से भी परफेक्ट हैं. अनुष्का उनके जेहन में बहुत पहले से थी. अनुष्का के साथ फिल्म किए भी काफी समय हुआ था इसलिए मैंने इस फिल्म का हां कह दिया.

लवरब्वॉय के इमेज को इतने सालों तक बरकरार रखना कितना चुनौतीपूर्ण रहा है.
मैं ऐसा नहीं सोचता हूं. मैं लवरब्वॉय नहीं हूं. करन, आदि, यश चोपड़ा ने जो कहानी में प्यार का इमोशन लिखा है प्यार की.मैं भले ही खुद उन पर विश्वास नहीं करता हूं लेकिन एक एक्टर के तौर पर मैं यह जरुर चाहता हूं कि लोगों को इस पर जरुर विश्वास करा दूं.

रियल लाइफ मैं आपके लिए रोमांस क्या है.

जो फिल्मों में मैं दिखता हूं. उतना मैं रोमांटिक नहीं हूं. मैं तो बहुत ही ज्यादा शर्मिला हूं. जल्दी मैं किसी से ओपन नहीं होता हूं. अपने इमोशन को लेकर ज्यादा बोलता नहीं हूं. जिस तरह से मैं फिल्मों में लड़की के लिए गाना गाता हूं रियल लाइफ में गाऊं तो लड़कियां भाग जाएंगी. सिर्फ मेरी ही नहीं पूरे मोहल्ले की. मैं डांसर भी अच्छा नहीं हूं. मेरे लिए रोमांटिक होने का मतलब अपनी लवरलेडी को बराबरी के साथ ट्रीट करना है. मैं उम्र में बड़ा हूं उनका पति हूं यह मुङो जताना पसंद नहीं है. मैं उन्हें अपनी दोस्त समझता हूं. मुझे लगता है कि लड़कियों को बराबरी और सम्मान के साथ ट्रीट करना ही सबसे बड़ी मोहब्बत है. गिफ्ट को मैं रोमांटिक नहीं मानता हूं.

आप जब इतने शर्मिले और अनरोमांटिक हैं तो आपकी गौरी के साथ लवमैरीज कैसे हो गयी.

आपको जानकर हैरानी होगी कि गौरी के साथ डांस करने का प्रस्ताव मैने नहीं मेरे लिए मेरे दोस्त ने गौरी से मांगा था. मुझमे तो इतनी हिम्मत ही नहीं थी. मेरे दोस्त को गौरी ने कहा कि उसका व्बॉयफ्रेंड आ रहा है. यह गौरी का भगाने का तरीका होता था लड़कों को. मेरे दोस्त ने कहा कि जब तक वो नहीं आता तब तक मेरा फ्रेंड आपके साथ डांस करना चाहता था. गौरी राजी हो गयी. डांस खत्म हुआ. दोस्तों ने कहा कि नंबर मांग लो. मैंने नंबर मांग लिया और मुङो नंबर गौरी ने दे दिया. उसी वक्त मैंने तय कर लिया कि मैं इसी लड़की से शादी करूंगा क्योंकि और मुझसे कोई पटने से रही. आठ साल डेट करने के बाद मैंने गौरी से शादी कर ली. आधी जिंदगी से अधिक समय से हम एक दूसरे को जानते हैं. जब मैंने गौरी को प्रपोज किया था. वह 14 साल की थी और मैं 18 का. मेरे बेटे बेटी तो मेरी खिंचाई करते हैं कि आपने 14 साल की लड़की के साथ कैसे डेट कर सकते थे.

इम्तियाज की लवस्टोरी फिल्मों की क्या खासियत होती हैं.
मैंने अब तक इस तरह की रोमांटिक फिल्म नहीं की थी. कुछ अलग ही प्यार और रिश्तों के बारे में यह फिल्म कहती है. बातचीत के अंदाज में प्यार को बयां किया जाता है. कहानी तो किसी भी फिल्म की सबसे अहम कड़ी होती है लेकिन इम्तियाज के किरदार भी काफी रोचक होते हैं. वह आपके जेहन में रह जाते हैं.

इम्तियाज ने दिल्ली में भी काफी समय बिताया है क्या कोई दिल्ली कनेक्शन है.
मैं इम्तियाज को यही मुंबई में मिला हूं. हां वह कहते हैं कि उन्होंने मेरी फिल्म यस बॉस की दिल्ली में शूटिंग में मुङो पहली बार देखा था.

ढाई दशक से भी ज्यादा इंडस्ट्री में आपने समय बिता दिया है कितना बदलाव आप रोमांटिक फिल्मों में पाते हैं.
एसेंस वही होती है. भाषा बदल जाती है. पाकीजा से कुछ कुछ होता है तक प्यार की भाषा बदली है. हां अब थोड़ा रियल हो गया है क्योंकि समाज ऐसा है. अब प्यार बदल गया है लेकिन प्यार खत्म नहीं हुआ है. कई बार मैं सुनता हूं कि अब लोग प्यार नहीं कर पाते हैं. मैं नहीं मानता हूं. अब तो ज्यादा इमानदारी आ गयी है. फेसबुक लोग खुलकर बात करते हैं. ये आने से प्यार के जरिए बढ़ गए है. हमारे वक्त में बहुत कम जरिए थे. लडकी से टकराते थे किताब गिरती थी अब कौन सी लड़की किताब लेकर चलती है. सबकुछ लैपटॉप में हो गया है. हाथ में फोन आ गया है.

आप पब्लिक फिगर हैं ऐसे में गौरी और अपने परिवार के लिए किस तरह से समय निकालते हैं.
मैं लकी हूं कि मेरे प्रोफेशन को मेरी पत्नी, मेरी बहन और मेरे बच्चें बहुत ही अच्छी तरह से समझते हैं. उन्हें पता है कि उनका पति, भाई या पिता उनके लिए उतना समय नहीं दे सकते हैं. जो आमतौर पर एक इंसान अपने परिवार को देता है. इस हकीकत को मेरा परिवार मान चुका है. गौरी कभी नहीं कहती कि आज हम बाहर जाएंगे ये सेलिब्रेट करने या डिनर डेट पर. बच्चे भी नहीं जिद करते कि आपको मेरे इस फंक्शन पर आना है. आज की ही बात करूं तो मैंने आज मैंने सोचा था कि बेटी और गौरी के साथ खाना खाऊंगा लेकिन मैं नहीं कर पाया सिर्फ बाय करके चला जाऊंगा. दिल में हमेशा गिल्ट रहता है लेकिन वो मुङो और मेरे काम को समझते हैं. इस बात की बहुत खुशी भी है.

आपके स्टारडम का खामियाजा आपके बच्चों को भुगतना पड़ता है. हाल ही में सुहाना को फोटोग्राफर्स ने तस्वीरों के लिए काफी परेशान किया था. क्या आपको ऐसी घटनाएं परेशान करती हैं या आपके बच्चें इसकी शिकायत आपसे करते हैं.

पहले ये सब घटनाएं परेशान करती थी अब नहीं करती है मुङो. बेटी की तस्वीरें ले रहे थे. मैं ये कहना चाहता हूं कि उनकी तस्वीरें इतनी महत्वपूर्ण नहीं है. बच्चे ही हैं एक फोटो लेकर जाने दो. मैं हैंडल भी कर सकता हूं लेकिन उस तरह का मीडिया का सामना वो नहीं कर सकते हैं लेकिन कितनी शिकायत करेंगे.अब वो जमाना ही नहीं रह गया है. सोल से ज्यादा सेल्फी महत्वपूर्ण हो गयी है.आप नहीं बोल सकते हैं. एयरपोर्ट पर भी ढंग के कपड़े पहनने पड़ते हैं. फैशन है इसलिए नहीं बल्कि पता है कि फोटो खिंचेगी तो कपड़े तो ठीक हो. जहां तक मेरे बच्चों की बात है तो उनको नाराजगी या गुस्सा नहीं है. जब उनको जाना होता है. मेरी टीम को बोल देते हैं. वो मैनेज कर लेते हैं.

अनुष्का ने अपने करियर की शुरुआत आपके साथ की थी ,एक एक्ट्रेस के तौर पर उनके ग्रोथ को किस तरह देखते है
मैं कोई नहीं होता है ये बोलने वाला कि वो अच्छी एक्टर है या बुरी. उन्हें 250 ग्राम एक्टिंग आती है या साढे सात सौ ग्राम क्यूंकि एक्टिंग ऐसी चीज़ है जो हम वजन नहीं कर सकते हैं. जितना काम आता है. हम सीखते जाते हैं. उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में तीन पेज का शॉट दिया था. वह इमानदार एक्ट्रेस है. जो दिल को लगता है कि वही करती है. काजोल टाइप की है. समझ आया तो ठीक है नहीं तो वो पूछती हैं ये सीन ऐसा क्यों है. चलो लाइन करती हूं और निकल जाती हूँ उस टाइप की वो एक्टर नहीं है. मुझे लगता है कि एक एक्टर में यह बहुत जरुरी है.वह मेरी फैमिली की तरह है बहुत ईमानदार भी हैं . वो बोल देती हैं ये अच्छा है ये नहीं है. अब वो निर्माता भी बन गयी हैं. उनकी फिल्म का फेमिनिज्म अलग तरह का है. वह फिल्में रोचक जोन में बना रहीं हैं.

फोर्ब्स की लिस्ट में एक बार फिर आपका नाम है ,इसे किस तरह से लेते हैं

मुझे इसकी डिटेल मालूम नहीं है. हमारे पास कई सारे रिलेटेड बिजनेस है. मुझे लगता है कि उनकी वैल्यूज करते हैं. सालना इनकम पर नहीं करते हैं. केकेआर, किडजैनिया, रेड चिलीज ,रेड चिलीज वीएफएक्स है. फोर्ब्स बिजनेस मैगजीन है तो वो वही सब वैल्यू करते होंगे. मुझे यकीन है कि कई स्टार्स हैं जिनकी सालाना आय मुझसे ज़्यादा है लेकिन वह फोर्ब्स की लिस्ट में नहीं हैं।

सभी एक्टर्स की प्रोडक्शन कंपनी का नाम उनके नाम पर है आपने रेड चिलीज क्यों चुना ?

सबका अपना अपना विश्वास होता है. सबकी अपनी अपनी समझ होती है. मैं इकनॉमिक का स्टूडेंट रहा हूँ. मैं नहीं कहता कि जो कर रहे हैं वो गलत हैं लेकिन मेरा मानना है बिजनेस जो शुरू करते हैं वप प्रमोटर से ज़्यादा अपने काम की वजह से चले. मैं कल को ना भी रहूं तो भी वह चलता रहे अपनी क़्वालिटी की वजह से.

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