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फ्लैश बैक : किस्मत के गीत ने तब ललकारा था अंग्रेजों को
अशोक कुमार अभिनीत 1943 में आयी फिल्म ‘किस्मत’ ने उस वक्त कलकत्ता के चित्रा सिनेमा हॉल में 196 सप्ताह चलने का रिकॉर्ड बनाया था. इस फिल्म में अनिल विश्वास द्वारा संगीतबद्ध सभी गीत लोकिप्रय हुए. लेकिन कवि प्रदीप द्वारा लिखे गीत ‘आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है दूर हटो ए दुनियावालों हिंदुस्तान […]
अशोक कुमार अभिनीत 1943 में आयी फिल्म ‘किस्मत’ ने उस वक्त कलकत्ता के चित्रा सिनेमा हॉल में 196 सप्ताह चलने का रिकॉर्ड बनाया था.
इस फिल्म में अनिल विश्वास द्वारा संगीतबद्ध सभी गीत लोकिप्रय हुए. लेकिन कवि प्रदीप द्वारा लिखे गीत ‘आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है दूर हटो ए दुनियावालों हिंदुस्तान हमारा है’ ने आजादी के दीवानो में एक नया जोश भर दिया था. यह गीत इतना लोकिप्रय हुआ कि फिल्म समाप्त होने पर दर्शकों की फरमाइश पर इस सिनेमा हॉल में दोबारा सुनाया जाने लगा. यह गीत एक तरह से अंग्रेजी सरकार पर सीधा प्रहार था. जब इस गीत के क्रांतिकारी बोल गली-गली गूंजने लगे, तो ब्रिटिश हुकूमत के कान खड़े हो गये
इसके चलते कवि प्रदीप के खिलाफ अरेस्ट वारंट तक जारी कर दिया गया. अरेस्ट से बचने के लिए उन्हें अंडरग्राउंड होना पड़ा था. जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो फिल्म के निर्माताओं ने बुद्धिमता दिखाते हुए सफाई दी कि इसमें जर्मनी और जापान को ललकारा गया है, न कि अंग्रेजी हुकूमत को. इस बात में अंग्रेज आ गये और यह देशभक्ति गीत फिर से बजने लगा.
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