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सीवान से लोकसभा चुनाव में 16 में से आठ बार मुस्लिम चेहरे को मिली है जीत, यूसुफ व शहाबुद्दीन लगा चुके हैं जीत का चौका

16 लोकसभा चुनावों में से सीवान में आठ बार मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है. यहां से कांग्रेस उम्मीदवारों को भी छह बार जीत मिली है. यहां से भाजपा और जदयू के उम्मीदवारों ने एक एक बार चुनाव जीता है.

जितेंद्र उपाध्याय, सीवान. लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद व मौलाना मजहरूल हक की धरती सीवान में सियासत का रंग तेज होने लगा है. लोकसभा के लिए 16 बार हुए चुनाव में आठ बार मुस्लिम चेहरे पर यहां के मतदाताओं ने विश्वास जताया है. दो उम्मीदवारों ने जीत का चौका मारा है. ऐसे भी मौके आये हैं, जब मतदाताओं ने दलों से नाराजगी जताते हुए निर्दलीय को सांसद बना दिया. आधी आबादी को भी यहां के मतदाताओं ने संसद भेजा है.

सीवान से 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है कांग्रेस

सीवान से छह बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. पहले चुनाव से लेकर लगातार चार बार कांग्रेस को ही जीत मिली. 1957 के पहले लोकसभा चुनाव में झूलन सिन्हा ने बाजी मारी. इसके बाद वर्ष 1962 से लेकर 1971 तक के लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस के मोहम्मद यूसुफ ने विजयी होकर जीत की हैट्रिक लगायी. वर्ष 1977 के कांग्रेस विरोधी बयार में पहली बार जनता पार्टी से मृत्युंजय प्रसाद सदन में पहुंचे. हालांकि, फिर वर्ष 1980 के मध्यावधि चुनाव में बाजी पलट गयी और कांग्रेस के मोहम्मद यूसुफ विजेता बने.

वर्ष 1984 के चुनाव में इंदिरा गांधी के शहादत की लहर में कांग्रेस की जीत को बरकरार रहते हुए अब्दुल गफूर विजयी हुए. इसके बाद एक बार फिर वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विराेध में विपक्षी दलों के सबसे बड़े गठबंधन के घटक दल भाजपा के जनार्दन तिवारी ने यह जीत दिलायी. हालांकि इनका पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ और 1991 में एक बार फिर लोकसभा के चुनाव हुए.

1996 से लगातार चार बार जीते शहाबुद्दीन

1991 से लेकर 2004 के पांच चुनावों में जनता दल व राष्ट्रीय जनता दल के हिस्से में ही जीत की बाजी रही. 1991 में जनता दल से वृषिण पटेल और वर्ष 1996,1998,1999 व 2004 के चार लोकसभा चुनावों में लगातार जीत कर मो शहाबुद्दीन ने चौका लगाया. इसके बाद एक आपराधिक मामले में कोर्ट से सजा हो जाने पर वे चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिये गये. ऐसे में कोई चुनाव न हारने का रिकार्ड मो शहाबुद्दीन के नाम रहा.

इसके बाद वर्ष 2009 का चुनाव ओमप्रकाश यादव ने निर्दलीय जीत कर रिकार्ड बनाया. वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा से ओमप्रकाश यादव ने फिर जीत हासिल की. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के ही घटक दल जदयू की कविता सिंह को जीत मिली. एक बार फिर एनडीए ने यहां से जदयू की विजय लक्ष्मी देवी को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में इस बार फिर सीवान के मतदाता क्या नतीजे देते हैं, यह आनेवाला समय बतायेगा.

लोकसभा चुनाव के अब तक के नतीजे

वर्षनामदल
1957झूलन सिन्हाभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962मोहम्मद यूसुफभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967मोहम्मद यूसुफभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971मोहम्मद यूसुफभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977मृत्युंजय प्रसादजनता पार्टी
1980मोहम्मद यूसुफभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984अब्दुल गफूरभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989जनार्दन तिवारीभारतीय जनता पार्टी
1991वृषिण पटेलजनता दल
1996मो. शहाबुद्दीनराष्ट्रीय जनता दल
1998मो. शहाबुद्दीनराष्ट्रीय जनता दल
1999मो. शहाबुद्दीनराष्ट्रीय जनता दल
2004मो. शहाबुद्दीनराष्ट्रीय जनता दल
2009ओम प्रकाश यादवनिर्दलीय
2014ओम प्रकाश यादवभारतीय जनता पार्टी
2019कविता सिंहजदयू

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