UPSC Preparation: यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है. इसकी तैयारी के लिए सही अध्ययन सामग्री का चयन करना बहुत जरूरी है क्योंकि सही रणनीति और सीमित किताबों से ही आप इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं. जिसमें एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की किताबें बहुत बड़े आधार के रूप में अहम भूमिका निभाती हैं.
हालांकि, अक्सर यह सवाल उठता है कि तैयारी के लिए पुरानी एनसीईआरटी किताबें ज्यादा उपयोगी हैं या नई एनसीईआरटी किताबें. तो आज इस लेख के जरिए हम जानेंगे कि इस तैयारी में हमें पुरानी एनसीईआरटी से पढ़ना चाहिए या नई एनसीईआरटी से. इस लेख में टॉपर्स से लेकर कोचिंग संस्थानों की सलाह भी शामिल है.
UPSC Preparation: पुराने और नए एनसीईआरटी का विश्लेषण
पुरानी NCERT पुस्तकें, जो 2005 से पहले प्रकाशित हुई थीं, अपनी संक्षिप्तता, तथ्यात्मकता और सीधे मुद्दे पर बात करने के लिए जानी जाती हैं. विशेष रूप से इतिहास विषय में, ये पुस्तकें घटनाओं का कालानुक्रमिक और सुसंगत विवरण प्रदान करती हैं, जो मुख्य परीक्षा के लिए फायदेमंद हो सकती हैं.
परीक्षा में अधिकांश इतिहास विषयों में, छात्रों को पुरानी NCERT पढ़ने की सलाह दी जाती है जिसमें पुरानी NCERT इतिहास की पुस्तकें प्राचीन भारत – आरएस शर्मा (कक्षा 11), मध्यकालीन भारत – सतीश चंद्र (कक्षा 11), आधुनिक भारत – बिपिन चंद्र (कक्षा 12) शामिल हैं.
नई एनसीईआरटी
दूसरी ओर, 2005 के बाद प्रकाशित नई NCERT पुस्तकें आज उपलब्ध सामग्री के साथ अधिक सचित्र, व्याख्यात्मक और अपडेट हैं. ये पुस्तकें अवधारणाओं को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती हैं, जो प्रारंभिक परीक्षा के लिए उन्हें समझने और अभ्यास करने के लिए उपयोगी हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, विभिन्न प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान, जैसे कि Drishti IAS, दोनों संस्करणों के समन्वित अध्ययन की सलाह देते हैं.
उनके अनुसार, पुरानी NCERT पुस्तकें इतिहास और राजनीति विज्ञान के लिए उपयोगी हैं, जबकि नई NCERT पुस्तकें भूगोल, अर्थशास्त्र और विज्ञान के लिए अधिक उपयुक्त हैं. हालांकि, देश भर में कई मुद्दे उठाए गए हैं कि नई NCERT में डेटा और तथ्यों को हटा दिया जा रहा है, जिससे इस परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए गलत जानकारी हो रही है, खासकर इतिहास के विषय में.
पुराने और नए NCERT के बारे में क्या कहते हैं टॉपर्स
कई सफल उम्मीदवारों ने एनसीईआरटी किताबों के महत्व पर जोर दिया है क्योंकि जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होना और तैयारी करना चाहता है, उसके लिए पहला हथियार एनसीईआरटी है, जिसके बाद उम्मीदवार तय करते हैं कि उन्हें पुरानी या नई एनसीईआरटी से पढ़ाई करनी है या नहीं. इसके साथ ही कई ऐसे उम्मीदवार तमिलनाडु की किताबों से भी अपनी तैयारी शुरू करते हैं, जिसमें इतिहास और माइक्रो और मैक्रो इकोनॉमिक्स जैसे विषय शामिल हैं.
उदाहरण के लिए, 2021 की परीक्षा में AIR 1 पाने वाली श्रुति शर्मा ने अपनी तैयारी में NCERT किताबों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि कक्षा 6वीं से 12वीं तक की NCERT किताबें बुनियादी समझ विकसित करने और आगे के संदर्भ विषयों को पढ़ने में सहायक हैं. इसी तरह, 2020 में AIR 3 पाने वाले प्रदीप सिंह ने भी NCERT किताबों को अपनी तैयारी का आधार बनाया. उनके मुताबिक विषयों की गहन समझ के लिए पुरानी और नई NCERT किताबों का एक साथ अध्ययन करना जरूरी है.
पुराने और नए एनसीईआरटी पर कोचिंग संस्थानों की क्या राय है
विभिन्न प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान भी एनसीईआरटी पुस्तकों का अध्ययन करके परीक्षा की तैयारी शुरू करते हैं. ताकि अन्य क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को विषयों को समझने में कोई समस्या न हो. ओनली आईएएस, स्लीपी क्लासेस जैसे कई कोचिंग संस्थान हैं जो एनसीईआरटी नोट्स उपलब्ध कराते हैं.
उदाहरण के लिए, फोरमआईएएस कोचिंग संस्थान अपने छात्रों को कक्षा 6वीं से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह देता है, ताकि वे विषयों की मजबूत नींव बना सकें और आगे के विषयों को समझने के लिए एक सही रणनीति तैयार कर सकें. इसी तरह, दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान भी एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य अध्ययन सामग्री मानता है और छात्रों को दोनों संस्करणों का अध्ययन करने की सलाह देता है. ताकि छात्रों की अच्छी समझ विकसित हो सके और यह भी पता चल सके कि क्या बदलाव हुए हैं और कितने नए डेटा और तथ्य जुड़े हैं.
कोई सटीक आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है
नई बनाम पुरानी NCERT पाठ्यपुस्तकों को पढ़ने वाले छात्रों की संख्या पर कोई आधिकारिक और सटीक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकांश साक्ष्य बताते हैं कि छात्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, विशेष रूप से UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले, अभी भी नए संस्करणों के साथ पुरानी NCERT का उपयोग कर रहे हैं. वे सभी उम्मीदवार संक्षिप्त और तथ्य-केंद्रित दृष्टिकोण को महत्व देते हैं, खासकर आधुनिक भारत, मध्यकालीन भारत और प्राचीन भारत जैसे विषयों के लिए, जबकि अधिक विस्तृत और वर्णनात्मक समझ के लिए नई NCERT का उपयोग करते हैं.
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एनसीईआरटी मुख्य परीक्षा में उत्तर लिखने में भी मदद करता है
अंत में यही कहा जा सकता है कि NCERT की पुस्तकें UPSC की तैयारी में एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं और ऐसा नहीं है कि NCERT केवल UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में ही उपयोगी है बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उपयोगी है. हां, इस परीक्षा के लिए NCERT इसलिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह न केवल आपका मार्गदर्शन करती है बल्कि मुख्य परीक्षा में उत्तर लिखने में भी मदद करती है. पुरानी और नई NCERT दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. इसलिए विषय के अनुसार उपयुक्त संस्करण का चयन करके और उनका एकीकृत तरीके से अध्ययन करके अभ्यर्थी एक सफल रणनीति बनाकर सफल हो सकता है.