30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Success Story: झारखंड की होनहार बेटी जिसने संभाला हजारीबाग का रामनवमी जुलूस, जानें IAS नैंसी सहाय की सफलता की कहानी

Success Story: झारखंड की बेटी IAS नैंसी सहाय एक प्रेरणादायक अधिकारी हैं जिन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर UPSC में 36वीं रैंक हासिल की. वर्तमान में हजारीबाग में पदस्थापित, उन्होंने रामनवमी जुलूस जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों का सफल संचालन किया. उनकी सफलता समर्पण, आत्मविश्वास और मेहनत का प्रतीक है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Success Story IAS Nancy Sahay: सपनों को हौसले की उड़ान जब मेहनत के पंख मिलते हैं, तब जन्म लेती हैं ऐसी कहानियां जो प्रेरणा बन जाती हैं आने वाली पीढ़ियों के लिए. आईएएस नैंसी सहाय की जीवन यात्रा भी एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है — एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर असाधारण उपलब्धियों तक का सफर. नैंसी सहाय, एक तेजतर्रार और समर्पित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, जिन्होंने कठिन परिश्रम और मजबूत संकल्प के बल पर UPSC जैसी कठिन परीक्षा में 36वीं रैंक हासिल की. फिलहाल वह झारखंड के हजारीबाग में पोस्टेड हैं जहां उन्होंने हाल ही में हजारीबाग के प्रसिद्ध रामनवमी जूलूस को संभालने में एक अहम भूमिका निभाई है, ऐसे में आज हम आपको बताएंगे उनकी पढ़ाई और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें.

कहां से हुई नैंसी सहाय की पढ़ाई ?

नैंसी सहाय की प्रारंभिक शिक्षा रांची के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से हुई है, इसके बाद उन्होंने BIT मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. तकनीकी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उन्होंने प्रशासनिक सेवा को अपना लक्ष्य बनाया और उसे दृढ़ निश्चय के साथ UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता भी प्राप्त किया.

पति भी हैं IAS

आईएएस अधिकारी नैन्सी सहाय के पति, वरुण रंजन, स्वयं एक प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं. उन्होंने 2013 की सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 38 प्राप्त की और उत्तर प्रदेश कैडर में नियुक्त हुए। वरुण ने बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (BIT), मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की, और इसके पश्चात दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (FMS) से एमबीए किया. आईएएस में शामिल होने से पहले, उन्होंने ओरेकल कॉर्पोरेशन में तीन वर्षों तक एप्लिकेशन डेवलपर के रूप में कार्य किया, जहां उन्हें अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए त्वरित पदोन्नति मिली. वरुण रंजन और नैन्सी सहाय की यह साझेदारी प्रशासनिक सेवा में उनकी संयुक्त प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाती है.

Also Read: IPS Shivdeep Lande Education: आईपीएस छोड़कर शुरू की राजनीतिक पार्टी, जानें कितने पढ़े लिखे हैं शिवदीप लांडे

2019 में बनी थी देवघर की पहली महिला उपायुक्त

नैंसी सहाय 2019 में देवघर की पहली महिला उपायुक्त बनीं, और उन्होंने जिले के विकास के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए. उनके कुशल नेतृत्व और संवेदनशील प्रशासन ने उन्हें एक लोकप्रिय और भरोसेमंद जिलाधिकारी की पहचान दिलाई. कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भी उनके प्रशासनिक निर्णयों और जमीनी कार्यों की व्यापक सराहना हुई. उनके प्रयासों ने उन्हें देश के 50 सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय जिला अधिकारियों में स्थान दिलाया.

नैंसी सहाय का मानना है कि— “जीवन में चुनौतियाँ हमेशा रहेंगी, लेकिन आत्मविश्वास, प्रतिबद्धता और समर्पण से हर बाधा को पार किया जा सकता है.”

आज वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक मेहनती, ईमानदार, सक्रिय और लो-प्रोफाइल अधिकारी के रूप में पहचानी जाती हैं, जिन्होंने कम समय में ही प्रशासनिक जगत में अपनी मजबूत पहचान बना ली है.

Also Read: Premanand Ji Maharaj Education: IITian शिष्यों से घिरे रहने वाले प्रेमानंद महाराज, खुद कितने पढ़े लिखे

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel