26.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

NEET PG 2025: अब नहीं छुपेगा फीस स्ट्रक्चर! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विश्वविद्यालयों को करना होगा ये काम

NEET PG 2025 के उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सभी निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी को आदेश दिया है कि वे काउंसलिंग शुरू होने से पहले ही फीस स्ट्रक्चर का खुलासा करें. इसमें ट्यूशन, हॉस्टल, कॉशन डिपॉजिट और अन्य चार्ज शामिल होंगे. इससे छात्रों को पारदर्शिता मिलेगी और सीट ब्लॉक जैसी गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी.

NEET PG 2025 in Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पीजी (NEET-PG) में सीट रोकने की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई है. कोर्ट ने सभी निजी और डीम्ड (मानद) विश्वविद्यालयों को यह निर्देश दिया है कि वे काउंसलिंग शुरू होने से पहले ही अपनी पूरी फीस की जानकारी सार्वजनिक करें. इसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल चार्ज, कॉशन डिपॉजिट और बाकी सभी तरह की फीस शामिल होनी चाहिए. आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा और अब आगे क्या होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? (NEET PG 2025)

यह फैसला जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने 29 अप्रैल को सुनाया. कोर्ट ने कहा कि सीट ब्लॉक करने से असल में कितनी सीटें उपलब्ध हैं, यह सही तरीके से पता नहीं चलता. इससे मेधावी छात्रों को नुकसान होता है और एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता खत्म हो जाती है. कई बार ऐसा भी होता है कि सीटें योग्यता के बजाय किस्मत के आधार पर भर जाती हैं.

यह भी पढ़ें- Career in Green Economy: ग्रीन इकोनॉमी में 2047 तक इतनी नौकरियां! नौकरी के साथ बचाएं पर्यावरण

रेगुलेटरी बॉडी को लेकर भी बात (NEET PG 2025)

कोर्ट ने साफ कहा कि “सीट ब्लॉक करना सिर्फ गलत काम नहीं बल्कि यह सिस्टम की कमजोर नीतियों, पारदर्शिता की कमी और सही निगरानी की कमी को दिखाता है.”हालांकि रेगुलेटरी बॉडी (जैसे NMC – नेशनल मेडिकल कमीशन) इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रही हैं और तकनीकी उपाय भी किए गए हैं लेकिन अब तक यह पूरी तरह से रोका नहीं जा सका है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए केवल नीति नहीं बल्कि सिस्टम में बड़े बदलाव, तकनीक में सुधार और राज्य तथा केंद्र स्तर पर सख्त निगरानी की जरूरत है.

कोर्ट ने यह भी कहा (NEET PG 2025)

  • हर कॉलेज को काउंसलिंग से पहले फीस का खुलासा करना होगा.
  • केंद्र सरकार को एक फीस नियंत्रण प्रणाली (Centralized Fee Regulation System) बनानी चाहिए, जो NMC के तहत चले.
  • सीट रोकने जैसे मामलों पर सख्त सजा दी जानी चाहिए, जैसे: सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त करना, छात्र को भविष्य की नीट-पीजी परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित करना,कॉलेज को ब्लैकलिस्ट करना.
  • यह फैसला उस याचिका पर आया जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और मेडिकल शिक्षा महानिदेशक (लखनऊ) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2018 के एक पुराने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें- UPSC CSE Answer Key 2024: यूपीएससी सिविल सर्विस प्रीलिम्स की आंसर की upsc.gov.in पर जारी, ऐसे देखें

Shubham
Shubham
प्रभात खबर डिजिटल में सीखने की प्रक्रिया जारी है। स्कूल की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर रोजगार तक सभी पहलुओं पर शुभम की अच्छी पकड़ है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए करंट अफेयर्स के अलावा एजुकेशन न्यूज, जॉब वैकेंसी, करियर ऑप्शन, एग्जाम टिप्स और बोर्ड एग्जाम/रिजल्ट से जुड़ी खबरों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। शुभम को कुल 5 वर्षों का अनुभव है और वह पूर्व में स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म LeverageEdu और दैनिक जागरण (Dainik Jagran) में कंटेंट क्रिएटर/डेवलपर रहे चुके हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel