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Career Guidance : टाइम मैनेजमेंट को बनाएं एग्जाम में सफलता की चाबी

प्रतियोगी परीक्षा में सफलता में टाइम मैनेजमेंट यानी समय प्रबंधन बेहद अहम रोल अदा करता है. हर साल लाखों की तादाद में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होते हैं. सिविल सर्विसेज हो या बैंकिंग एग्जाम, जेईई हो या नीट एग्जाम, सबकी तैयारी के दौरान समय प्रबंधन आवश्यक है. यह न केवल परीक्षा के पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने में मदद करता है, बल्कि आपकी दक्षता को बढ़ाने में भी मददगार बनता है. जानें कैसे आप समय प्रबंधन को अपना कर सफलता को साकार कर सकते हैं...

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Career Guidance : क्या आप जानते हैं कि बहुत से छात्र अक्सर समय पर पेपर पूरा नहीं कर पाने की शिकायत क्यों करते है? ऐसा इसलिए क्योंकि परीक्षा की तैयारी के दौरान वह तय समय पर प्रश्न पत्र हल करने का एक जरूरी सबक, जोकि टाइम मैनेजमेंट से जुड़ा है, नहीं सीखते. वे प्रत्येक प्रश्न के लिए लगने वाले समय का विश्लेषण करने में सक्षम नहीं होते हैं. प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण कारक होता है. परीक्षा की तैयारी से पहले ही समय प्रबंधन के स्किल को समझना और उस पर काम करना शुरू कर देना जरूरी है.

क्यों जरूरी है समय प्रबंधन !

तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट की रणनीति बनाने से परीक्षा को क्रैक करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही आप यह पता लगाने में सक्षम होंगे कि प्रत्येक प्रश्न को हल करने में कितना समय लगता है. इस तरह आपको पूरे प्रश्न पत्र को तय समय पर हल करने का अभ्यास होगा. इस तरह टाइम मैनेजमेंट आपको कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा देता है.

मुकममल टाइम टेबल बनाएं

आप जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उसके पाठ्यक्रम को कवर करने वाला एक मुकम्मल टाइम टेबल बनाएं और उसका नियमित तौर पर पर गंभीरता से पालन करें. आपका स्टडी प्लान सरल एवं पालन करने में आसान होना चाहिए. अवांछित कार्यों के साथ शेड्यूल को जटिल न बनाएं. निर्धारित समय के अभ्यस्त होने के लिए दैनिक आधार पर एक दिनचर्या विकसित करें. साथ ही टाइम टेबल में भोजन, विश्राम और अल्पाहार के लिए छोटे-छोटे ब्रेक शामिल करें.

स्वयं का मूल्यांकन है आवश्यक

तय समय पर किसी भी चैप्टर को समाप्त करने की समय सीमा के साथ प्रत्येक विषय के लिए एक समय स्लॉट शामिल करें और शेड्यूल के अनुसार अगले विषय पर जायें. अपने टाइम टेबल में नियमित अंतराल पर स्व मूल्यांकन का समय भी शामिल करें और उसे प्राथमिकता दें. परीक्षा के लिए आपकी घबराहट को कम करने के लिए समय सारणी पर्याप्त लचीली होनी चाहिए.

विषयों को दें प्राथमिकता

किसी भी परीक्षा की तैयारी के दौरान आपको पूरे पाठ्यक्रम को कवर करना है, फिर चाहे उसमें शामिल जनरल नॉलेज का सेक्शन हो या रीजनिंग. कहने का मतलब सभी विषयों का बराबर तरजीह दें और कुछ समय बाद इस बात का आकलन करें कि किस विषय में आपकी तैयारी कम है, उसे अधिक समय दें. इसके साथ ही समय-समय पर पुराने प्रश्न-पत्रों को हल कर अपनी तैयारी का आंकलन भी करें.

प्रैक्टिस टेस्ट है अहम

अधिकांश छात्रों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न आ सकते हैं. इसलिए वास्तविक परीक्षा से पहले प्रैक्टिस टेस्ट या मॉक टेस्ट देना महत्वपूर्ण है. इससे प्रत्येक प्रश्न पर लगने वाले समय के बारे में भी आपकी स्थिति पता चलेगी. प्रैक्टिस टेस्ट से विश्लेषणात्मक प्रश्नों को समझने की क्षमता भी बढ़ेगी. पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करके भी आप इसका अभ्यास कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपको पेपर हल करने में कितना समय लगा. इस तरह आप प्रश्नों को हल करने की अपनी गति भी बढ़ा सकते हैं.

समय के महत्व को समझें

समय की अहमियत को पहचानें. यह सुनिश्चित करें कि परीक्षा की तैयारी में समय कैसे बुद्धिमानी से उपयोग किया जाये. बहुत से छात्र यह सोच कर कि अभी तो परीक्षा में बहुत दिन बाकी हैं, समय का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते. लेकिन अंतिम समय में या बाद में कर लेने की सोच आपको अधिक विषयों के बोझ के सिवा कुछ नहीं देगी. इसलिए समय बर्बाद न करें और बेहतर परिणाम के लिए कड़ी मेहनत करें.

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