13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिना सुरक्षा किट के कोरोना सर्वे में लगी सहिया-सेविकाओं का छलका दर्द, बोलीं- साहब लोग फरमान सुनाते हैं, सुविधाएं नहीं देते

Jharkhand News (धनबाद) : घोषणा हुई थी कि गांवों में कोरोना संभावितों के सर्वे में लगी सभी ग्रास रूट वर्करों को सुरक्षा किट, थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर मिलेगा. लेकिन, मिला एक सर्जिकल मॉस्क तक नहीं. स्थिति यह हो गयी है कि सर्वे कार्य में लगायी गयीं हेल्थ वर्कर खुद ही संक्रमित होने से डरी हुई हैं. जैसे-तैसे खुद के जुगाड़ तंत्र से काम शुरू हुआ है.

Jharkhand News (संजीव झा, धनबाद) : घोषणा हुई थी कि गांवों में कोरोना संभावितों के सर्वे में लगी सभी ग्रास रूट वर्करों को सुरक्षा किट, थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर मिलेगा. लेकिन, मिला एक सर्जिकल मॉस्क तक नहीं. स्थिति यह हो गयी है कि सर्वे कार्य में लगायी गयीं हेल्थ वर्कर खुद ही संक्रमित होने से डरी हुई हैं. जैसे-तैसे खुद के जुगाड़ तंत्र से काम शुरू हुआ है.

प्रभात खबर टीम ने धनबाद प्रखंड के नावाडीह पंचायत में शुरू हुए सर्वे का जायजा लिया. पहले दिन यहां केवल 12 घरों का ही सर्वे हो पाया. बिना किसी सुरक्षा किट व कागज-कलम के हेल्थ वर्कर काम करने को तैयार नहीं थी. जैसे-तैसे ग्राम प्रधान ने उन्हें मना कर काम शुरू करवाया.

पहले दिन नावाडीह गांव स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास सर्वे शुरू हुआ. सहिया और पोषण सहिया को इस अभियान में लगाया गया है. जांच में लगी सहिया असमा, मंजू मंडल, बैजंती देवी ने कहा कि शहरी स्वास्थ्य केंद्र, धनबाद से फोन आया कि आज से ही घर-घर जाकर कोरोना संभावितों का पता लगायें. कैसे जांच करें तथा खुद के बचाव के लिए क्या करें. यह नहीं बताया गया.

Also Read: रांची में लॉकडाउन का उल्लंघन कर शादी समारोह आयोजित करने के मामले में वर-वधू पक्ष को जायेगा नोटिस, गीतांजलि बैंक्वेट के संचालक से प्रशासन ने मांगा सीसीटीवी फुटेज

इनलोगों ने खुद के फंड से एक डिजिटल थर्मामीटर खरीदा था. उसके सहारे ही लोगों से तामपान माप कर बताने को कहा गया. साथ ही पूछा गया कि क्या आप लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, सांस फूलने की शिकायत तो नहीं है. 3 लोगों ने कहा कि उनलोगों को हल्की खांसी है. किसी ने भी बुखार, सांस फूलने की शिकायत नहीं की.

नेताओं की ओर से मिले मास्क से चल रहा काम

सहिया और पोषण सखी का कहना था कि साहब लोग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खाली फरमान सुनाते हैं. यह सर्वे कर लें. यह कैंप लगा लें. लेकिन, कोरोना की इतनी प्रचंड लहर में भी बचाव के लिए न तो कभी मास्क दिया जाता है और न ही सैनिटाइजर. सर्वे के लिए कहा गया था कि सभी पंचायतों में थर्मल स्कैनर मिलेगा. लेकिन, सामान्य थर्मामीटर तक नहीं दिया गया. कागज-कलम तक भी खुद से जुगाड़ करना पड़ रहा है. दो सहिया तो स्थानीय नेताओं द्वारा बांटी गयी मास्क पहने हुई थी. मास्क पर ऐसे नेताओं का नाम और दल का चुनाव-चिह्न भी लगा हुआ है.

पोषण सखी को तो ड्रेस तक नहीं दिया गया है. कहा कि बिना सुरक्षा किट के घर से निकलने पर घर वाले भी विरोध करते हैं. गांव वाले भी दरवाजा नहीं खोलना चाहते. खोलते भी हैं तो डिजिटल थर्मामीटर से मापना नहीं चाहते. वरीय अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं.

Also Read: झारखंड के निजी अस्पतालों में भी शुरू होगा 18 + का टीकाकरण, सरकार देगी अस्पातालों को कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीदने की अनुमति
होली, ईद बीत गया मानदेय तक नहीं मिला

सहियाओं का कहना है कि कोरोना काल में भी उन लोगों को 4 माह से मानदेय नहीं मिला है. होली, ईद जैसे महापर्व बीत गया. लेकिन, सरकार और विभाग को उन लोगों की कोई चिंता नहीं है. मानदेय राशि भी बढ़ाने की घोषणा हुई थी. दो से तीन हजार रुपया मिलना था. लेकिन, पुराना मानदेय भी नहीं मिल रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel