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धनबाद : ठंड के साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण ने बढ़ायी चिंता, पीएम 2.5 के स्तर में अत्यधिक इजाफा, लोग परेशान

धनबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) का स्तर बुधवार की शाम 159 पर पहुंच गया. ठंड के साथ ही धनबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दी है. एक्यूआइ का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह माना जाता है.

हेडिंग : धनबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 पर पहुंचा

सब हेड : अभी यह हाल, तो दिवाली के दिन क्या होगा

-शहर के कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग मीटर तक दर्ज

वरीय संवाददाता, धनबाद : धनबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) का स्तर बुधवार की शाम 159 पर पहुंच गया. ठंड के साथ ही धनबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दी है. एक्यूआइ का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह माना जाता है. शहर में प्रदूषण की मुख्य वजह हवा में मौजूद पीएम 2.5 के स्तर में अत्यधिक इजाफा है. कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर 200 के पार पहुंच जा रहा है. बनियाहीर में बुधवार को पीएम 2.5 का स्तर 232.64 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. इसके साथ ही एलसी रोड पर पीएम 2.5 का स्तर 156.24 दर्ज किया गया. शहर में सबसे अधिक स्वच्छ हवा आइआइटी आइएसएम कैंपस का माना जाता है. बुधवार को यहां भी पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 168.58 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मानक के अनुसार पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए. लेकिन अभी कई इलाकों में यह स्तर तय मानक से दोगुना से अधिक पहुंच गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में बढ़ती ठंड के साथ वायु प्रदूषण के स्तर में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है.

सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा

प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. जो लोग पहले से ही श्वास की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए अभी का वक्त काफी गंभीर है. शहर के अस्पतालों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं. गले में खराश और खांसी से तो कई लोग परेशान हैं. इसकी मुख्य वजह भी वायु प्रदूषण है.

क्यों खतरनाक है पीएम 2.5

गैसोलीन, तेल, डीजल या लकड़ी के दहन से पीएम 2.5 का अधिक उत्पादन होता है. अपने छोटे आकार के कारण, पार्टिकुलेट मैटर फेफड़ों में गहराई से खींचा जा सकता है और पीएम 10 की तुलना में अधिक हानिकारक हो सकता है.

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सर्दियों में बढ़ने की वजह

विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण हवा के घनत्व का बढ़ना और तापमान का कम होना है. हवा के घनत्व के बढ़ने और तापमान के कम होने के कारण प्रदूषित हवा ऊपर नहीं उठ पाती है. यह नीचे ही रह जाती है. वहीं गर्मियों में तापमान अधिक होने के कारण हवा का घनत्व कम होता है. प्रदूषित हवा गर्म हवा के साथ वातावरण में ऊपर तक फैल जाती है. इस कारण गर्मियों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ता है.

क्षेत्रवार पीएम 2.5 का स्तर

  • बिरसा मुंडा पार्क : 184.34

  • भूदा : 142.28

  • मोहलबनी : 162.42

  • कुसुम विहार : 126.46

नोट : सभी आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में

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Prabhat Khabar News Desk
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