28.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

देवघर रिखियापीठ में शतचंडी महायज्ञ पर बोले स्वामी निरंजनानंद- घर में रहकर भी करें देवी मां की आराधना

देवघर के रिखियापीठ में पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ की शुरुआत गुरुवार को हुई. इस मौके पर स्वामी निरंजनानंद एवं स्वामी सत्संगी ने ध्वजारोहण किया. स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि इस महायज्ञ में जो श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाये, वे अपने घर में रहकर भी अपने मन को देवी मां की आराधना में जोड़ सकते हैं.

Jharkhand News: देवघर के रिखियापीठ में शतचंडी महायज्ञ सह सीता कल्याणम् गुरुवार से शुरू हो गया. इस पांच दिवसीय महायज्ञ का शुभारंभ स्वामी निरंजनानंद जी व स्वामी सत्संगीजी ने ध्वजारोहण कर किया. काशी के पंडितों ने अरणि से आग प्रज्ज्वलित कर हवन शुरू किया. इस दौरान देवी मां एवं गुरु को समर्पित भजन व कीर्तन रिखिया की कन्याओं ने की.

घर में रहकर भी अपने मन को जोड़ों मां की आराधना में

अनुष्ठान में स्वामी निरंजनानंद जी ने कहा कि रिखियापीठ में शतचंडी महायज्ञ की शुरुआत कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए की जा रही है. इस महायज्ञ में जो श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाये, वे अपने घर में रहकर भी अपने मन को देवी मां की आराधना में जोड़ सकते हैं. निश्चित रूप से इसका फल मिलेगा. शुरुआत एक ज्योति से होती है, ज्योति का प्रकाश दूर-दूर तक फैलता है.

गुरुदेव स्वामी सत्यानंदजी का है मंगल आशीर्वाद

उन्होंने कहा कि शतचंडी महायज्ञ का केंद्र बिंदु रिखिया है, लेकिन इसका प्रकाश दूर-दूर तक फैला है. यहीं गुरुदेव स्वामी सत्यानंदजी का मंगल आशीर्वाद भी है, इसलिए इस आराधना का फल दूर-दूर तक मिलेगा. कहा कि गुरु के आशीर्वाद के साथ शतचंडी महायज्ञ से देवी मां की कृपा जन-जन तक प्रसारित होती है. अपने भाव को जागृत रखें. भाव से भक्ति सिद्ध होती है. भाव जब गुरु व ईश्वर से जुड़ता है तो उसे भक्ति कहते हैं.

Also Read: BJP की जन आक्रोश रैली में चतरा सांसद ने भरी हुंकार, कहा- झारखंड की जनता जल्द देगी जवाब

शतचंडी महायज्ञ से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति : स्वामी सत्संगी

स्वामी सत्संगीजी ने कहा कि शतचंडी महायज्ञ में देवी मां तक अपनी भक्ति जोड़ने का माध्यम यहां की कन्याएं हैं. पांच दिनों तक देवी मां जीवन में सुंदरता, प्रगति व प्रेम प्रदान करेगी. रिखियापीठ में 28वां शतचंडी महायज्ञ हो रहा है. गुरुदेव स्वामी सत्यानंद जी के संकल्पों के अनुसार, शतचंडी महायज्ञ एक ज्ञान व जीवन में खुशियां देने वाला आयोजन है. शतचंडी महायज्ञ से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है. कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए शतचंडी महायज्ञ में सीमित संख्या में आश्रम में रहने वाले श्रद्धालु नियमित रूप से अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं. विश्व भर के श्रद्धालु अपने-अपने घरों से भी गुरु व देवी मां की आराधना कर सकते हैं. अनुष्ठान में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन व छात्राओं को साइकिल दी गयी. इस दौरान कन्याओं ने देवी मां व गुरु को समर्पित भजन-कीर्तन की. पंडितों ने गुरु पूजा की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें