36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

U19 World Cup 2022: हम गोली चलाकर देश सेवा करते हैं और बेटा गेंद डाल के, रवि की सफलता पर बोले फौजी पिता

अलीगढ़ के 18 साल के रवि ने शनिवार को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट चटाककर भारत को रिकॉर्ड पांचवीं बार अंडर-19 चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

अंडर-19 विश्व कप (U19 World Cup 2022) में रवि कुमार (Ravi Kumar) का नये हीरो के रूप में उभरना सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा नहीं है बल्कि इसमें सीआरपीएफ में शामिल उनके पिता के बलिदान की भी भूमिका है. जिन्होंने अपना अधिकांश जीवन देश की सेवा में लगा दिया.

इंग्लैंड को हराकर भारत पांचवीं बार बना वर्ल्ड चैंपियन, रवि ने चटकाये 4 विकेट

अलीगढ़ के 18 साल के रवि ने शनिवार को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट चटाककर भारत को रिकॉर्ड पांचवीं बार अंडर-19 चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

फौजी पिता ने कहा, हम गोली चलाकर देश सेवा करते हैं और बेटा गेंद डाल के

ओडिशा के नक्सलवाद प्रभावित रायगढ जिले में सीआरपीएफ शिविर में तैनात रवि के पिता असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह ने कहा, हम गोली चलाकर देश सेवा करते हैं और बेटा गेंद डाल के.

Also Read: Ind vs Eng U19 WC 2022 Final : इंग्लैंड को रौंदकर भारत पांचवीं बार बना वर्ल्ड चैंपियन, रवि और बावा चमके

श्रीनगर में ग्रेनेड धमाके में घायल हो गये थे रवि के पिता, परिवार को नहीं बताया

रवि की उम्र काफी कम थी जब 2006 में श्रीनगर में ग्रेनेड धमाके में उनके पिता राजिंदर बुरी तरह घायल हो गए थे. इस हमले मे एक सैनिक मारा गया था जबकि 11 घायल हो गए थे. राजिंदर ने हालांकि इस हादसे की कहानी को अपने परिवार के साथ साझा नहीं किया. राजिंदर ने अपना लगभग पूरा जीवन श्रीनगर के आतंकवाद से प्रभावित इलाकों में बिताया लेकिन हमेशा सुनिश्चित किया कि उनकी पत्नी और तीन बच्चे शांति से जिएं और सोएं. ग्रेनेड हमले को याद करते हुए राजिंदर ने कहा, मैंने हमेशा सुनिश्चित किया कि मेरा परिवार खुश रहे, उन्हें उस दर्द के बारे में कुछ नहीं बताया जिसका सामना मैंने किया. यहां तक कि जब मेरे दोनों पैरों और हाथों में ग्रेनेड हमले में चोट लगी तो भी मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया. उन्हें इस बारे में टीवी से पता चला.

रवि कुमार के प्रदर्शन से सीआरपीएफ कैंप में हीरो बने पिता

अंडर-19 विश्व कप में रवि के शानदार प्रदर्शन से सीआरपीएफ कैंप में राजिंदर भी सबसे चहेते बन गए हैं. रवि कुमार क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए. पिछले विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश ने ही भारत को हराया था. उन्होंने मैच में 14 रन देकर तीन विकेट चटकाए और भारत को सेमीफाइनल में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 37 रन देकर दो विकैट चटकाए और फिर फाइनल में राज बावा के साथ मिलकर नौ विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड पर भारत की चार विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाई.

पिता को नहीं पता रवि कैसे बन गये क्रिकेटर

देश की सेवा में घर से दूर रहने के कारण राजिंदर को एक क्रिकेटर के रूप में अपने बेटे की प्रगति के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी. राजिंदर ने कहा, मैं जम्मू-कश्मीर में तैनात था और हमेशा यात्रा करता रहता था. इसलिए मुझे बहुत अधिक जानकारी नहीं है कि उसने क्रिकेट खेलना कैसे शुरू किया. अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तरह वह सिर्फ मजे के लिए क्रिकेट खेलने में व्यस्त रहता था. उन्होंने बताया, बात में मुझे पता चला कि अरविंद भारद्वाज ने उसे गंभीर क्रिकेट में डाल दिया है.

रवि के करियर को लेकर चिंतित रहते थे पिता

शुरू में मैं चिंतित था क्योंकि करियर के रूप में क्रिकेट से जुड़ने में उसका समर्थन करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे लेकिन उसने सब कुछ खुद ही कर लिया. यह उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उम्मीद करता हूं कि वह सीनियर स्तर पर जगह बनाएगा.

रवि कुमार की क्रिकेटर बनने का सफर आसान नहीं

रवि कुमार का सफर आसान नहीं रहा. उत्तर प्रदेश में मौका नहीं मिलने के बाद उन्होंने कोलकाता के अपने पड़ोसी की मदद से बंगाल का रुख किया. रवि कोलकाता जाने के बाद दूसरी डिविजन क्रिकेट में खेले. वह हावड़ा यूनियन और फिर बालीगंज यूनाईटेड से जुड़े. उन्हें पिछले साल बंगाल की अंडर-19 टीम में चुना गया. रवि हालांकि पिछले साल दिसंबर में अंडर-19 विश्व कप की तैयारी के लिए यहां भारत अंडर-19 ए, भारत अंडर-19 बी और बांग्लादेश अंडर-19 टीम के बीच हुई त्रिकोणीय शृंखला का हिस्सा नहीं थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें