Zubeen Garg Net Worth: असम और पूर्वोत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय कलाकारों में शुमार ज़ुबीन गर्ग का सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान निधन हो गया. उन्होंने न केवल संगीत जगत में एक गहरी छाप छोड़ी, बल्कि एक अच्छी-खासी संपत्ति भी पीछे छोड़ी. उनके निधन के बाद भारत के संगीत जगत में शोक की लहर है. आइए, जानते हैं कि जुबीन गर्ग अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए.
ज़ुबीन गर्ग की कुल संपत्ति और आय
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 तक ज़ुबीन गर्ग की कुल संपत्ति लगभग 8 मिलियन डॉलर यानी करीब 70 करोड़ रुपये थी. उनकी आय के प्रमुख स्रोतों में संगीत की बिक्री, लाइव कॉन्सर्ट, फिल्मों के प्रोजेक्ट और ब्रांड एंडोर्समेंट शामिल थे. हालांकि, उनकी मासिक आय का सही आंकड़ा सार्वजनिक नहीं था, लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक फिल्मों और संगीत में लगातार काम करने से उनकी कमाई स्थिर रहती थी.
जुबीन गर्ग को लग्जरी कार और बाइक का शौक
जुबीन गर्ग को लग्जरी वाहनों का खास शौक था. उनके पास बीएमडब्ल्यू एक्स5, मर्सिडीज-बेंज, रेंज रोवर वेलर और कस्टम कोटिंग वाली इसुज़ु एसयूवी जैसी गाड़ियां थीं. इसके अलावा वे प्रीमियम बाइक्स के भी शौकीन थे और अक्सर उन्हें शानदार मोटरसाइकिलों पर देखा जाता था.
जुबीन गर्ग का शुरुआती जीवन और परिवार
जुबीन गर्ग का 18 नवंबर 1972 को मेघालय के तुरा के बोरथकुर परिवार में हुआ था. उनका नाम मशहूर कंडक्टर ज़ुबिन मेहता के नाम पर रखा गया था. उनके पिता मोहिनी बोरथकुर गीतकार थे और मां इली बोरथकुर डांसर और सिंगर थीं. परिवार से मिली इस कला की विरासत ने उनके करियर की नींव रखी.
जुबीन गर्ग की संगीत करियर की शुरुआत
1992 में आयोजित युवा महोत्सव में स्वर्ण पदक जीतने के बाद ज़ुबीन गर्ग ने संगीत को करियर बनाने का फैसला किया. उसी वर्ष उनका पहला एल्बम ‘अनामिका’ रिलीज हुआ, जिसने उन्हें नॉर्थ-ईस्ट में लोकप्रिय बना दिया. हालांकि, बॉलीवुड फिल्म ‘गैंगस्टर’ (2006) का गाना ‘या अली’ उन्हें पूरे भारत में पहचान दिलाने वाला साबित हुआ.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जुबीन गर्ग
अपने करियर में ज़ुबीन ने 40 से अधिक भाषाओं में गाने गाए और करीब 32,000 गाने रिकॉर्ड किए. उन्होंने असमिया फिल्मों जैसे ‘मोन जाई’ और ‘मिशन चाइना’ में अभिनय भी किया. 2009 में फिल्म ‘किस्मत’ के गाने ‘दिलरुबा’ के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला. वे केवल गायक ही नहीं, बल्कि संगीतकार, निर्देशक और पटकथा लेखक भी थे.
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जुबीन गर्ग के सामाजिक कार्य और विवाद
ज़ुबीन गर्ग सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे. उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई प्रोजेक्ट में योगदान दिया. हालांकि, उनके बेबाक बयानों के चलते वे कई बार विवादों में भी रहे. इसके बावजूद, उनके योगदान ने उन्हें पूर्वोत्तर भारत का सांस्कृतिक प्रतीक बना दिया.
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