21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

EXCLUSIVE: पांच साल में पूंजी बनाने वाली 100 भारतीय कंपनियों में सिर्फ 2 सरकारी, PSU के निजीकरण पर जोर

Wealth Creation Study: पांच साल (2016-2021) के दौरान सबसे ज्यादा पूंजी बनाने वाली 100 भारतीय कंपनियों में सिर्फ दो सरकारी कंपनी शामिल थी. वर्ष 1999-2004 से 2016-2021 के बीच कंपनियों की संख्या 28 से घटकर 2 रह गयी. वर्ष 1999-2004 में 28 कंपनियों की पूंजी में हिस्सेदारी 49 फीसदी तक हुआ करती थी.

Wealth Creation Study: पांच साल (2016-2021) के दौरान सबसे ज्यादा पूंजी बनाने वाली 100 भारतीय कंपनियों में सिर्फ दो सरकारी कंपनी शामिल थी. वर्ष 1999-2004 से 2016-2021 के बीच कंपनियों की संख्या 28 से घटकर 2 रह गयी. वर्ष 1999-2004 में 28 कंपनियों की पूंजी में हिस्सेदारी 49 फीसदी तक हुआ करती थी. वर्ष 2000-2005 के दौरान तो यह 51 फीसदी तक था. लेकिन, इसके बाद से सरकारी कंपनियां पूंजी बनाने में फिसड्डी साबित होती गयी.

सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर जोर

इसी आधार पर इस रिपोर्ट में सरकारी कंपनियों के निजीकरण की सलाह दी गयी है. विपक्ष भले सरकारी कंपनियों के विनिवेश पर हो-हल्ला मचा रहा हो, लेकिन वेल्थ क्रियेशन स्टडी (Wealth Creation Study 2016-2021) में सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर जोर दिया गया है. कहा गया है कि इससे सरकारी कंपनियों का प्रदर्शन सुधरेगा और विनिवेश से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं में हो सकेगा. सामाजिक-आर्थिक विकास में भी इस धन का इस्तेमाल हो सकेगा.

वेल्थ क्रियेशन इन डिजिटल एरा

शेयर ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल की ओर से जारी 26वें सालाना वेल्थ क्रियेशन स्टडी (2016-2021) रिपोर्ट में डिजिटल एरा में पूंजी निर्माण (Wealth Creation in Digital Era) में यह जानकारी दी गयी है. इसमें बताया गया है कि सरकारी कंपिनयों की हिस्सेदारी लगातार कम होती चली गयी. वर्ष 2016-2021 के दौरान सिर्फ दो सरकारी कंपनियां पूंजी निर्माण करने वाली 100 कंपनियों में जगह बनाने में कामयाब रहीं. इन दोनों कंपनियों की पूंजी निर्माण में हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम रही.

Also Read: Wealth Creation Report: 5 साल में भारत की 100 कंपनियों ने बनायी 71 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति
तेल एवं गैस से जुड़ी हैं दोनों कंपनियां

पूंजी का निर्माण करने वाली कंपनियों की सूची में जो दो सरकारी कंपनियां हैं, वे तेल एवं गैस क्षेत्र से जुड़ी हैं. एक कंपनी है गुजरात गैस और दूसरी इंद्रप्रस्थ गैस. देश की 100 कंपनियों ने मिलकर 71 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का निर्माण किया, जिसमें इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम 0.8 फीसदी रही.

एनुअल वेल्थ क्रियेशन स्टडी

26वें एनुअल वेल्थ क्रियेशन स्टडी (2016-2021) के मुताबिक, वर्ष 1999-2004 के दौरान इस लिस्ट में 28 कंपनियों ने जगह बनायी थी और 49 फीसदी पूंजी का निर्माण किया था. वर्ष 2000-2005 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 30 हो गयी. इन कंपनियों ने 51 फीसदी पूंजी का निर्माण किया. वर्ष 2001-2006 में सरकारी कंपनियों की संख्या घटकर 26 रह गयी. इसी तरह पूंजी निर्माण में इनकी हिस्सेदारी 36 फीसदी रह गयी.

Also Read: Wealth Creation Study: अडाणी की इस कंपनी ने 1 लाख रुपये को 5 साल में बना दिये 17 लाख रुपये

वर्ष 2002-2007 में इस लिस्ट में सिर्फ 18 कंपनियां जगह बना पायीं. इन कंपनियों ने कुल पूंजी में 25 फीसदी का योगदान दिया. वर्ष 2003-2008 के दौरान 25 कंपनियां लिस्ट में शामिल हुईं और पूंजी में 35 फीसदी का योगदान दिया. वर्ष 2004-2009 के दौरान कंपनियों की संख्या घटकर 16 रह गयी और कुल पूंजी में इनकी हिस्सेदारी 27 फीसदी रही.

वर्ष 2005-2010 और वर्ष 2006-2011में कंपनियों की संख्या बढ़कर क्रमश: 22 और 24 हो गयी. पूंजी में इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 27 और 20 फीसदी रही. वर्ष 2007-2012 में कंपनियों की संख्या घटकर 20 रह गयी. कुल पूंजी में हिस्सेदारी भी 20 फीसदी ही रही. इसके बाद सरकारी कंपनियों का प्रदर्शन लगातार फिसड्डी साबित हुआ. वर्ष 2008-2013 में कंपनियों की संख्या रह गयी 11 और कुल पूंजी में इनकी हिस्सेदारी रही 9 फीसदी.

Also Read: जियो के मालिक मुकेश अंबानी की कंपनी से भी तेजी से बढ़ी इस कंपनी की संपत्ति, वेल्थ रिपोर्ट से हुआ खुलासा

वर्ष 2009-2014 और वर्ष 2010-2015 में शीर्ष 100 कंपनियों में सिर्फ 5 सरकारी कंपनी शामिल हो पायीं. इन्होंने कुल पूंजी में 2 फीसदी का योगदान दिया. वर्ष 2011-2016 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 7 हो गयी. कुल पूंजी में सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी 4 फीसदी रही. वर्ष 2012-2017 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 9 हो गयी, जबकि वर्ष 2013-2018 में 11 रही. कुल पूंजी में इनका योगदान क्रमश: 10 फीसदी और 9 फीसदी रही.

वर्ष 2014-2019 के दौरान इस लिस्ट में सरकारी कंपनियों की संख्या घटकर 9 और 2015-2020 में 7 रह गयी. पूंजी में इन कंपनियों का योगदान क्रमश: 6 और 3 फीसदी रहा. वर्ष 2016-2021 में इस सूची में सिर्फ दो सरकारी कंपनियां रह गयीं, जिन्होंने पांच साल के दौरान कुल पूंजी निर्माण में 1 फीसदी से भी कम का योगदान दिया.

Also Read: जियो के मालिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने 5 साल में बनायी 9661 अरब की संपत्ति, दूसरे नंबर पर TATA की TCS

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें