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कैसा होगा साल 2026 का बजट? 9 अक्टूबर से शुरू होगी प्रक्रिया

Union Budget 2026: वित्त मंत्रालय 9 अक्टूबर 2025 से यूनियन बजट 2026-27 की तैयारी प्रक्रिया शुरू करेगा. आगामी बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को 8% से अधिक विकास दर देने पर जोर रहेगा. सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में बजट-पूर्व बैठकें होंगी और सभी मंत्रालयों को आवश्यक विवरण प्रस्तुत करना होगा. संशोधित अनुमान नवंबर तक जारी रहेंगे. बजट 1 फरवरी 2026 को संसद में पेश होने की संभावना है.

Union Budget 2026: केंद्र सरकार का वार्षिक बजट 2026-27 तैयार करने की प्रक्रिया 9 अक्तूबर 2025 से शुरू होगी. मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी साझा की. मंत्रालय ने कहा कि आगामी बजट वैश्विक और घरेलू दोनों ही परिस्थितियों को देखते हुए बेहद अहम होगा.

चुनौतियों के बीच पेश होगा देश का बजट

इस बार का बजट ऐसे समय में तैयार किया जा रहा है, जब दुनिया में भू-राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया संकट और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का असर वैश्विक बाजारों पर पड़ रहा है. इसके अलावा, अमेरिका ने हाल ही में भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% का भारी टैरिफ लगाया है. ऐसे हालात में भारत को अपने घरेलू उद्योगों और निर्यातकों को सहारा देने के लिए मजबूत नीतिगत फैसले करने होंगे.

विकास दर और अर्थव्यवस्था की प्राथमिकताएं

वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.3 से 6.8% रहने का अनुमान है. हालांकि, सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 में 8% से अधिक की जीडीपी ग्रोथ हासिल करने का होगा. इसके लिए बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और निवेश को आकर्षित करने जैसे कदमों पर फोकस किया जाएगा.

बजट-पूर्व बैठकों का शेड्यूल

आर्थिक मामलों के विभाग के बजट परिपत्र (2026-27) में कहा गया है कि सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में बजट-पूर्व बैठकें 9 अक्तूबर 2025 से शुरू होंगी. इन बैठकों में मंत्रालयों और विभागों की वित्तीय जरूरतों, परियोजनाओं और योजनाओं पर चर्चा होगी.

डेटा और दस्तावेज की तैयारी

परिपत्र के मुताबिक सभी वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि परिशिष्ट I से VII तक आवश्यक जानकारी 3 अक्तूबर 2025 तक दर्ज कर दी जाए. साथ ही तय प्रारूपों में डेटा की हार्ड कॉपी भी जांच के लिए उपलब्ध करानी होगी.

संशोधित अनुमान और अंतिम रूप

बयान में कहा गया है कि संशोधित अनुमान (आरई) से जुड़ी बैठकें नवंबर 2025 के मध्य तक चलेंगी. इसके बाद वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों और विभागों से मिली जानकारी के आधार पर बजट अनुमानों को अंतिम रूप देगा.

स्वायत्त निकायों का विवरण

परिपत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी मंत्रालय और विभाग अपने-अपने स्वायत्त निकायों व कार्यान्वयन एजेंसियों का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करें. इसके लिए एक समर्पित कोष भी बनाया गया है जिससे योजनाओं की वित्तीय पारदर्शिता बनी रहे.

2026-27 का बजट कब होगा पेश?

आधिकारिक संकेतों के अनुसार, आगामी बजट 1 फरवरी 2026 को संसद के बजट सत्र के पहले भाग में पेश किया जाएगा. यह परंपरा 2017 से शुरू हुई थी, जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के अंत में बजट पेश करने की औपनिवेशिक परंपरा को खत्म कर 1 फरवरी को वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया था.

चालू बजट की स्थिति

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने नाममात्र आधार पर 10.1% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था. वहीं, राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4% रहने की उम्मीद जताई गई है. इन आंकड़ों को देखते हुए अगले बजट में भी राजकोषीय अनुशासन और राजस्व वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सरकार की प्राथमिक रणनीतियां

विशेषज्ञों का मानना है कि बजट 2026-27 में सरकार कु बिंदुओं पर जोर दे सकती है.

  • बुनियादी ढांचा निवेश को बढ़ावा
  • रोजगार सृजन के लिए श्रम प्रधान उद्योगों को प्रोत्साहन
  • मध्यम वर्ग को कर राहत देने की संभावना
  • निर्यातकों और एमएसएमई सेक्टर को विशेष पैकेज
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार

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आर्थिक दिशा तय करेगा 2026 का बजट

भारत का आगामी बजट 2026-27 केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों की आर्थिक दिशा तय करेगा. वैश्विक चुनौतियों, अमेरिका के टैरिफ और घरेलू विकास आकांक्षाओं के बीच सरकार को संतुलित बजट पेश करना होगा. यदि इसमें रोजगार, विकास और निवेश को सही ढंग से प्राथमिकता दी गई, तो भारत अपनी अर्थव्यवस्था को 8% से ऊपर ले जाने में सफल हो सकता है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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