Turkish Goods Boycott: ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान का समर्थन करने की वजह से भारत सरकार की ओर से लागू किए गए कुछ आयात प्रतिबंधों की वजह से तुर्किए को लगभग 315 मिलियन डॉलर (2,625 करोड़ रुपये) के नुकसान की आंशका है. सरकार की ओर से यह फैसला भारत की आत्मनिर्भरता नीति (आत्मनिर्भर भारत अभियान) और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है. सोमवार को ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ) ने तुर्किए के सामानों के “अनिश्चितकालीन और पूर्ण बहिष्कार” का ऐलान किया है.
क्या है मामला
भारत और तुर्किए के बीच बढ़ते तनाव को मद्देनजर भारत के रिटेलर्स और ऑनलाइन प्लेटफार्मों ने तुर्किए से आयात होने वाले खाद्य और कॉस्मेटिक सामान के साथ ही ट्रैवल सर्विसेज का बहिष्कार शुरू किया है.
किन वस्तुओं के आयात पर लगा रोक
भारत ने जिन उत्पादों पर आयात प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें तुर्किए से आयात होने वाले प्रमुख वस्त्र, कालीन, घरेलू सामान, कंस्ट्रक्शन मटेरियल और कुछ मशीनरी शामिल हैं. भारत सरकार का कहना है कि यह कदम घरेलू विनिर्माण को समर्थन देने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए उठाया गया है.
तुर्किए पर कैसे पड़ेगा असर
2024 के व्यापार आंकड़ों के अनुसार, भारत ने तुर्किए से लगभग 315 मिलियन डॉलर के सामान आयात किए थे. भारत का यह फैसला सीधे तुर्किए की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ से भारत को निर्यात अधिक होता था, जैसे कि टेक्सटाइल और होम डेकोर के सामान.
भारत की नीति के पीछे का उद्देश्य
भारत सरकार का उद्देश्य है कि स्थानीय उद्योगों को अधिक अवसर मिले और विदेशी निर्भरता कम हो, साथ ही भारत का तुर्किए के साथ व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा था, जिसे नियंत्रित करना आवश्यक माना गया.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने का एक और कदम
भारत का यह आयात प्रतिबंध तुर्किए के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, लेकिन यह भारत की आर्थिक रणनीति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है. आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि तुर्किए इस नुकसान का किस तरह सामना करता है और भारत किन घरेलू विकल्पों का आविष्कार करता है.
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