Turkey Apple Ban: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध में तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है. इसका असर अब व्यापार और किसानों के स्तर पर भी दिखाई देने लगा है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे प्रमुख सेब उत्पादक राज्यों के किसानों ने तुर्की से आयातित सेब और अन्य फलों के खिलाफ विरोध जताते हुए इनके आयात पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.
फल बाजार पर पड़ा असर
किसानों के विरोध और व्यापारियों द्वारा तुर्की सेबों के बहिष्कार के चलते इनकी मांग में भारी गिरावट देखी जा रही है. जानकारों के मुताबिक तुर्की सेब भारत के फल बाजार में हर साल लगभग ₹1,000 से ₹1,200 करोड़ के मौसमी कारोबार में योगदान करते हैं. व्यापारियों का कहना है कि यह केवल आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि यह सरकार और सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता दिखाने का कदम है.
हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम ने केंद्र से की मांग
हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम और किसान संयुक्त मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा, “तुर्की की भूमिका भारत विरोधी रही है. हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि उस देश से सभी बागवानी उत्पादों का आयात तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.”
केवल सेब नहीं, इन फलों पर भी लगे रोक
किसान संगठन से जुड़े शिवराज सिंह ने बताया कि वे केंद्रीय कृषि मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री से मुलाकात की योजना बना रहे हैं ताकि अपनी मांगों को औपचारिक रूप से उनके सामने रखा जा सके. संगठन की प्रमुख मांग है कि तुर्की से आयातित सेब के साथ-साथ चेरी और अन्य फलों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए.
भारत कितना करता है तुर्की से सेब आयात?
व्यापार सूत्रों के अनुसार, भारत ने वर्ष 2023-24 में तुर्की से लगभग 1.6 लाख टन सेब का आयात किया. तुर्की सहित भारत कुल 40 देशों से करीब 5 लाख टन सेब का आयात करता है.
(इस खबर को साक्षी सिन्हा ने तैयार किया है. वे प्रभात खबर के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं)
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