21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

14 QCO हटते ही Textile Industry ने ली गहरी राहत की सांस

QCO Rollback In Textile Industry: यह फैसला टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.लेकिन कैसे? अमेरिका के 50% टैरिफ और घटते निर्यात के बीच सरकार ने अचानक 14 बड़े कच्चे माल पर लगे QCO हटा दिए हैं. ये वही सामग्री थी, जिनकी बढ़ती कीमतों और जटिल नियमों ने फैक्ट्रियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था. अब सवाल यह है कि क्या ये कदम इंडस्ट्री को फिर से गति देगा? क्या निर्यात की गिरती रफ्तार अब संभल पाएगी? और क्या बाकी बचे QCO भी हटेंगे? इस फैसले ने उद्योग जगत में उम्मीद, राहत और थोड़ी-सी बेचैनी तीनों फीलिंगस को एक साथ जगा दिया है.

QCO Rollback In Textile Industry: भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री अब एक बड़ी राहत की सांस ले सकती है. सरकार ने 14 ऐसे कच्चे माल और इंटरमीडिएट पर लगे सख्त क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) हटा दिए हैं, जो फैक्ट्रियों की लागत और एक्सपोर्ट को काफी प्रभावित कर रहे थे. अब उत्पादन आसान होगा और छोटे-बड़े उद्योगों को अपने उत्पादों को अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेहतर तरीके से बेचने का मौका मिलने वाला है.

QCO हटने से क्या बदलेगा?

केंद्र सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल एण्ड फर्टिलाइजर्स के माध्यम से 14 ऐसे उत्पादों पर लागू क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) हटाने का फैसला किया है, जो मुख्य रूप से टेक्सटाइल उद्योग में इस्तेमाल होते हैं. इनमें रासायनिक इंटरमीडिएट, सिंथेटिक फाइबर और पॉलिमर रेजिन शामिल हैं. यह कदम उन फैक्ट्रियों के लिए राहत की खबर है, जिन पर अमेरिकी बाजार में भारी टैरिफ और निर्यात ऑर्डर कैंसिल होने की वजह से दबाव था. अब इन कच्चे माल और इंटरमीडिएट पर सख्त मानक लागू नहीं होंगे, जिससे उनकी कीमतों में कमी और संचालन आसान हो सकता है.

क्यों QCO हटाए गए?

Niti Aayog की एक रिपोर्ट में बताया गया कि ये QCO ज्यादातर कच्चे माल और इंटरमीडिएट पर लागू किए गए है, जबकि इनका मुख्य जोखिम उपभोक्ताओं के लिए नहीं था. रिपोर्ट के अनुसार, इन मानकों के कारण कच्चे माल की कीमतें 10-30 प्रतिशत तक बढ़ गई थीं और बहुत सारी MSME इकाइयों को उत्पादन क्षमता से कम चलना पड़ा था. इसके अलावा, विदेश से मंगाए जाने वाले फाइबर और यार्न के लिए लंबा समय लगता था और सीमित प्रमाणित सप्लायर ही उपलब्ध थे.

ALSO READ: IEA: भारत 2050 तक बन सकता है दुनिया में तेल की मांग बढ़ाने वाला मुख्य केंद्र

एक्सपोर्ट पर असर

टेक्सटाइल और एप्पेरल का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है, जो भारत के कुल निर्यात का करीब 28 प्रतिशत है. अगस्त 2025 से लागू 50% अमेरिकी टैरिफ के कारण सितंबर में टेक्सटाइल और एप्पेरल निर्यात में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई थी. QCO हटने से उम्मीद है कि लागत कम होगी और निर्माता अमेरिकी और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा बेहतर तरीके से कर पाएंगे.

क्या बाकी QCO भी हटेंगे?

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि अब जल्द ही कुछ और QCO जैसे विस्कोज फाइबर और टेक्सटाइल मशीनरी पर भी नियम हट सकते हैं. Niti Aayog ने कुल 27 उत्पादों के QCO हटाने की सिफारिश की थी, जिनमें से कई पर अभी काम बाकी है. इस कदम से न केवल MSME को फायदा होगा, बल्कि भारत का “मेड इन इंडिया” उत्पादक और एक्सपोर्ट कॉम्पिटिटिवनेस भी बढ़ेगा.

ALSO READ: आखिरी दिन निवेशकों की जबरदस्त भीड़, पूरी तरह सब्सक्राइब हुआ PhysicsWallah का IPO

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Soumya Shahdeo
Soumya Shahdeo
सौम्या शाहदेव ने बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएट किया है और वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिज़नेस सेक्शन में कॉन्टेंट राइटर के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा, वह एक बुक रिव्यूअर भी हैं और नई बुक्स व ऑथर्स को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं. खाली समय में उन्हें नोवेल्स पढ़ना और ऐसी कहानियों से जुड़ना अच्छा लगता है जो लोगों को प्रेरित करती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel