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Stock Market Outlook: शेयर बाजार में 5 दिन रही जोरदार गिरावट, जानें 29 अक्टूबर से कैसी रहेगी चाल?

Stock Market Outlook: शेयर बाजार में बीते हफ्ते जोरदार गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के 16 लाख करोड़ रुपये डूब गए. सेंसेक्स 733 अंक गिरकर 80,426 और निफ्टी 236 अंक टूटकर 24,654 पर बंद हुआ. आईटी इंडेक्स पर एच-1बी वीजा लागत और एक्सेंचर की छंटनी का दबाव रहा, जबकि अमेरिकी दवाओं पर टैरिफ से फार्मा शेयर टूटे. रुपया कमजोर होने और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी बाजार प्रभावित हुआ. अब 29 सितंबर से शुरू सप्ताह का रुख वैश्विक आंकड़ों और आरबीआई नीति पर निर्भर करेगा.

Stock Market Outlook: एच-1बी वीजा की बढ़ती लागत से आईटी इंडेक्स पर शुरुआती दबाव और टेक कंपनी एसेंचर की ओर से बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की बड़ी छंटनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दवा पर 100% टैरिफ की वजह से शेयर बाजार में 5 दिन जोरदार गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट का नतीजा यह रहा कि इन 5 दिनों में निवेशकों के करीब 16 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. अकेले कारोबारी सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को निवेशकों को करीब 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. अब सवाल यह पैदा होता है कि इस हफ्ते जब शेयर बाजार में गिरावट रही, तो 29 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में बाजार की चाल कैसी रहेगी. आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि बाजार विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

कारोबार के आखिरी सत्र में 733.22 अंक गिरा सेंसेक्स

कारोबारी सप्ताह के आखिरी सत्र में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्‍स 733.22 अंक गिरकर 80,426.46 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 236.15 अंक गिरकर 24,654.70 पर पहुंच गया. वहीं, पिछले एक सप्‍ताह के दौरान सेंसेक्‍स 2,097.63 अंक या 2.54% और निफ्टी 631.80 अंक या 2.50% गिर गया. बैंक निफ्टी में भी भारी गिरावट नजर आई. इस सप्‍ताह में मार्केट हर सत्र में निचले स्‍तर पर बंद हुआ है. बीएसई पर लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस दौरान 16 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है.

शेयर बाजार में गिरावट के कारण क्या हैं?

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, “भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह निराशाजनक रही, सभी सेक्टरों में गिरावट देखी गई. इसका कारण आईटी इंडेक्स पर शुरुआती दबाव था, क्योंकि एच-1बी वीजा की बढ़ती लागत और एंसेचर के निराशाजनक आउटलुक की चिंताएं थीं. फार्मा उत्पादों पर अमेरिका के नए टैरिफ के कारण फार्मा शेयरों में भारी गिरावट आई और बाजार का सेंटीमेंट खराब हो गया. मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि लार्ज-कैप शेयरों में उतनी गिरावट नहीं हुई, जो उनके बढ़े हुए वैल्यूएशन पर दबाव को दर्शाता है.”

उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में गिरावट का दूसरा अहम कारण डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ, क्योंकि विदेशी निवेशकों का पैसा निकल रहा था और अमेरिका के व्यापारिक फैसलों से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ गया था. इसके विपरीत, सोने ने सुरक्षित निवेश के रूप में अपनी अपील बनाए रखी. इसमें वैश्विक व्यापार तनाव, रुपये में गिरावट, केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद और फेड की नीति पर अनिश्चितता का योगदान रहा। चांदी में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी, क्योंकि औद्योगिक मांग मजबूत थी और सप्लाई में कमी थी.

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अगले हफ्ते बाजार की चाल कैसी रहेगी?

विनोद नायर कहते हैं कि अगले हफ्ते निवेशकों का ध्यान अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों पर रहेगा. खासकर, महंगाई और रोजगार के आंकड़ों पर उनकी नजर टिकी रहेगी. घरेलू मोर्चे पर आरबीआई की मौद्रिक नीति और औद्योगिक उत्पादन आंकड़े सेंटीमेंट को प्रभावित करेंगे. बैंकिंग, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर के फंडामेंटल घरेलू नीतियों और आर्थिक स्थिरता के कारण मजबूत बने हुए हैं. हालांकि, मौजूदा मार्केट वैल्यूएशन की स्थिरता कॉर्पोरेट मुनाफे में सुधार और भारत-अमेरिका व्यापार विवाद के समाधान पर निर्भर करती है.” इन सबका असर बाजार पर दिखाई देगा.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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