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जानिए कौन हैं शशिधर जगदीशन, RBI ने जिनके HDFC Bank के तीन साल और CEO-MD बने रहेंगे पर लगाई मुहर

एचडीएफसी बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक ने जगदीशन की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उनका कार्यकाल 27 अक्टूबर से तीन साल के लिए बढ़ाया गया है.

देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन (Sashi Jagdishan) अपने पद पर अगले तीन साल तक बने रहेंगे. इसकी मंजूरी भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के द्वारा दे दी गयी है. एचडीएफसी बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक ने जगदीशन की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उनका कार्यकाल 27 अक्टूबर से तीन साल के लिए बढ़ाया गया है. जगदीशन को वर्ष 2020 में बैंक के संस्थापक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य पुरी के स्थान पर बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ नियुक्त किया गया था. बैंक ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि रिजर्व बैंक ने 18 सितंबर, 2023 को जगदीशन का कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी दी. उनका कार्यकाल 27 अक्टूबर, 2023 से 26 अक्टूबर, 2026 तक तीन साल की अवधि के लिए बढ़ाया गया है. बयान में कहा गया है कि उपर्युक्त नियुक्ति को प्रभावी बनाने के लिए बैंक के निदेशक मंडल की बैठक समय के साथ बुलाई जाएगी. जगदीशन का सेवा विस्तार मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के कुछ महीनों बाद हुआ है. यह विलय एक जुलाई, 2023 से प्रभावी हुआ है.

HDFC से 1996 में जुड़े थे जगदीशन

HDFC के प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन 1996 में बैंक से जुड़े थे. इससे पहले उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के शेफील्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स, मनी और बैंकिंग में मास्टर्स की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी पढ़ाई की. उन्होंने बैंक में अपनी सेवा की शुरूआत चेंज एजेंट के साथ-साथ फाइनेंस एवं एचआर विभाग के प्रमुख के रूप में की थी. हालांकि, बैंक के वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार, वो फाइनेंस फंक्शन में मैनेजर के पद पर जुड़े थे. अपनी मेहनत के कारण उन्हें 1999 में बिजनेस हेड-फाइनेंस की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद, उन्हें 2008 में बैंक के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के रुप में नियुक्त किया गया. बैंक के वृद्धि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

बैंक के लिए जुटाया बहुत सस्ता फंड

शशिधर जगदीशन ने सीएफओ के पद पर रहते हुए कई बड़े प्रोजेक्ट को सफलता पूर्व हैंडल किया. इसमें बैंक के लिए सस्ता फंड जुटाना मील का पत्थर साबित हुआ. दरअसल, उन्होंने 2017 में एडिशनल टियर-1 बॉन्ड के जरिए 8000 करोड़ रुपये की रकम जुटाई. जगदीशन ने ये बड़ी रकम केवल 8.85 फीसदी के ब्याज पर जुटाई. ये 2017 में बैंक की तरफ से जारी बॉन्ड की सबसे कम ब्याज दर थी. इसके बाद, उन्होंने अगस्त 2018 में भारत में क्यूआईपी और अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट के जरिए 15,500 करोड़ रुपये जुटाये. ये फंड बैंक के विकास में काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ. वर्तमान में उनके पास फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स, लीगल और सेक्रेटेरियल, एडमिनिस्ट्रेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलटी विभागों अपना योगदान देने का बड़ा अनुभव है.

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ

एचडीएफसी बैंक के शशिधर जगदीशन 10.55 करोड़ रुपये के कुल भुगतान के साथ बीते वित्त वर्ष (2022-23) में सर्वाधिक भुगतान पाने वाले किसी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के तौर पर उभरे हैं. वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जगदीशन के सहकर्मी और एचडीएफसी बैंक के उप प्रबंध निदेशक (एमडी) कैजाद भरूचा को बीते वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो संभवत: देश में सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाले दूसरे बैंककर्मी हैं. बैंकों के सीईओ के मामले में एक्सिस बैंक के अमिताभ चौधरी 9.75 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ दूसरे स्थान पर रहे. उनके बाद आईसीआईसीआई बैंक के संदीप बख्शी को 9.60 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ. कोटक महिंद्रा बैंक में लगभग 26 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले उदय कोटक ने कोविड-19 महामारी के बाद से पारिश्रमिक के तौर पर एक रुपये का सांकेतिक वेतन लेने का फैसला वित्त वर्ष 2022-23 में भी जारी रखा. ऐसे समय में जब बैंकिंग क्षेत्र नौकरी छोड़ने की समस्या से जूझ रहा है, कोटक महिंद्रा बैंक पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए आगे आया और प्रबंधकीय कार्यबल को छोड़कर कर्मचारियों के औसत पारिश्रमिक में 16.97 प्रतिशत की वृद्धि की. आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों के वेतन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. दूसरी ओर एक्सिस बैंक में यह आंकड़ा 7.6 प्रतिशत रहा. एचडीएफसी बैंक ने औसतन 2.51 प्रतिशत वेतन वृद्धि की. दिलचस्प बात यह है कि फेडरल बैंक में औसत वेतन वृद्धि केवल 2.67 प्रतिशत रही, इसके वावजूद वहां नौकरी छोड़ने की दर सबसे कम है.

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1991 में स्थापित हुआ था एचडीएफसी बैंक

एचडीएफसी बैंक का पूरा रूप हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन बैंक लिमिटेड है. यह भारतीय सरकार का एक वित्तीय संस्थान है जिसे 1991 में स्थापित किया गया था. यह बैंक बिहार राज्य के अंतर्गत आता है और ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का उद्देश्य रखता है.

एचडीएफसी बैंक के मुख्य रुप से ये कार्यक्षेत्र हैं

  • कृषि वित्त: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ऋण वित्तीय सेवाएं प्रदान करना.

  • ग्रामीण वित्त: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में ऋण और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना.

  • मजदूर वित्त: मजदूरों के लिए वित्तीय सेवाएं प्रदान करना और उनके जीवन को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना.

  • महिला वित्त: महिलाओं को वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए उपायों का समर्थन करना.

  • उद्यमिता वित्त: उद्यमिता विकास के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करना.

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