Share Market Analysis: सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (Market Cap) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,93,181.15 करोड़ रुपये की गिरावट आई. शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बीच सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और HDFC बैंक को हुआ. कम कारोबारी सत्रों वाले पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,614.82 अंक या 2.46 प्रतिशत नीचे आया. समीक्षाधीन सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का बाजार पूंजीकरण 52,580.57 करोड़ रुपये घटकर 12,25,983.46 करोड़ रुपये पर आ गया. एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 40,562.71 करोड़ रुपये घटकर 11,14,185.78 करोड़ रुपये रह गई. रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार मूल्यांकन में 22,935.65 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 15,32,595.88 करोड़ रुपये रह गया. इन्फोसिस का मूल्यांकन 19,320.04 करोड़ रुपये घटकर 5,73,022.78 करोड़ रुपये रह गया. भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 17,161.01 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,13,735.07 करोड़ रुपये रह गई. बजाज फाइनेंस का मूल्यांकन 15,759.95 करोड़ रुपये घटकर 4,54,814.95 करोड़ रुपये रह गया.
स्टेट बैंक को लगा बड़ा झटका
आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में 13,827.73 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 6,39,292.94 करोड़ रुपये पर आ गया. आईटीसी की बाजार हैसियत 5,900.49 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,40,637.34 करोड़ रुपये रह गई. हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार पूंजीकरण में 3,124.96 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 5,83,098.06 करोड़ रुपये पर आ गया. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 2,008.04 करोड़ रुपये घटकर 5,00,670.73 करोड़ रुपये रह गई. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, आईटीसी, भारती एयरटेल, एसबीआई और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
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फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी बाजार की दिशा
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, वैश्विक रुझान, वृहद आर्थिक आंकड़े तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि सभी की निगाहें एक नवंबर को फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर है. विशेषरूप से अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल कई साल के उच्चस्तर पर पहुंचने के मद्देनजर बैठक के नतीजे और महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इसके अलावा बैंक ऑफ जापान के नीतिगत निर्णय पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि इन प्रमुख घटनाक्रमों के अलावा वैश्विक कारक भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों के अलावा लगातार बदलती भू-राजनीतिक स्थिति से भी बाजार धारणा प्रभावित होगी. इस सप्ताह अडाणी ग्रीन एनर्जी, डीएलएफ, टीवीएस मोटर कंपनी, भारती एयरटेल, गेल, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, अडाणी एंटरप्राइजेज, टाटा मोटर्स और इंटरग्लोब एविएशन के तिमाही नतीजे आने हैं. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे फर्मों की वित्तीय सेहत की तस्वीर पेश करेंगे. वाहन कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़ों पर भी सभी की निगाह रहेगी. इससे दशहरा त्योहार के दौरान वाहनों की मांग का पता चलेगा.
वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम प्रभावित करेगी बाजार
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि बाजार प्रमुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों मसलन भारत के एसएंडपी वैश्विक विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़ों, चीन के विनिर्माण और गैर-विनिर्माण पीएमआई, यूरो क्षेत्र के मुद्रास्फीति और जीडीपी आंकड़ों, कच्चे तेल के भंडार, ब्रिटेन के विनिर्माण पीएमआई, अमेरिका के विनिर्माण और सेवा पीएमआई, बेरोजगारी भत्ते, गैर-कृषि रोजगार, बेरोजगारी दर और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर को लेकर निर्णय पर प्रतिक्रिया देगा. कम कारोबारी सत्रों वाले पिछले सप्ताह में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,614.82 अंक या 2.46 प्रतिशत नीचे आया. रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर लगातार सुस्ती से धारणा प्रभावित हो रही है. पिछले सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी ने शुक्रवार को गिरावट का सिलसिला रोक और दोनों मानक सूचकांक एक प्रतिशत से अधिक चढ़ गए. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि शुक्रवार को मजबूती के बावजूद हमारा मानना है कि बाजार अभी मुश्किलों से बाहर नहीं आया है. इजराइल-हमास संघर्ष पर कुछ समाधान ही बाजार को मजबूती प्रदान कर सकता है.
(भाषा इनपुट के साथ)