SEBI New Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को हुई बैठक में आईपीओ से संबंधित नियमों में ढील देने का फैसला किया है. इसके तहत बहुत बड़ी कंपनियों के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने संबंधी न्यूनतम शर्तों को आसान बनाया गया है. साथ ही, कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों को पूरा करने के लिए अब अधिक समय मिलेगा.
विदेशी निवेशकों के लिए आसान प्रवेश
सेबी ने कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय पूंजी बाजार में प्रवेश को सरल बनाने का भी निर्णय लिया है. इसके लिए सिंगल विंडो एक्सेस यानी एकल खिड़की पहुंच प्रणाली की शुरुआत की जाएगी. इस कदम का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाना है.
एंकर निवेशकों के लिए नया ढांचा
आईपीओ में एंकर निवेशकों को आकर्षित करने और वैश्विक संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सेबी ने एक नए शेयर-आवंटन ढांचे को मंजूरी दी है. इस कदम से भारतीय कंपनियों के सार्वजनिक निर्गम और भी पारदर्शी और निवेशकों के अनुकूल बनेंगे.
बाजार अवसंरचना की निगरानी
सेबी बोर्ड ने बाजार अवसंरचना संस्थानों जैसे शेयर बाजारों की परिचालन निगरानी को मजबूत करने पर भी जोर दिया. इसके तहत, अब इन संस्थानों में दो कार्यकारी निदेशकों (ईडी) की नियुक्ति अनिवार्य होगी. यह कदम पारदर्शिता और बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
आरईआईटी को इक्विटी उत्पाद का दर्जा
सेबी ने बैठक में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को इक्विटी उत्पादों के रूप में वर्गीकृत करने का भी निर्णय लिया. इस बदलाव से इन निवेश साधनों की स्वीकार्यता और निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि होने की संभावना है.
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सेबी चेयरमैन की अगुवाई में तीसरी बैठक
यह अहम फैसले सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लिए गए. पांडेय के कार्यकाल की यह तीसरी बोर्ड बैठक थी. विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार भारत के पूंजी बाजार को अधिक निवेशक-अनुकूल और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे.
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