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छोटे कारोबारियों को मिलेगा बड़ा फायदा, MSME के लिए फंड ऑफ फंड्स की शुरुआत करने जा रहा SBI

कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में लागू लॉकडाउन की वजह से दबाव झेल रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समर्थन देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये तक का इक्विटी समर्थन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री के 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज में घोषित ‘फंड आफ फंड्स' को जल्द ही परिचालन में लाया जाएगा. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी.

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में लागू लॉकडाउन की वजह से दबाव झेल रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समर्थन देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये तक का इक्विटी समर्थन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री के 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज में घोषित ‘फंड आफ फंड्स’ को जल्द ही परिचालन में लाया जाएगा. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी.

दरअसल, ऐसे कोष शेयरपूंजी निवेश करने वाले कोषों की मदद करते हैं. इस 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स योजना का उद्देश्य वृद्धि के बेहतर संभावनाओं वाले एमएसएमई को मौजूदा कठिन समय में मदद उपलब्ध कराना है. इस समय देश की ये छोटी इकाइयां कम राजस्व और इक्विटी पूंजी की कमी से जूझ रहीं हैं.

एमएसएमई की मदद के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों के बारे में रजनीश कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रभावित ऐसे व्यवसायों की नकदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए बैकों ने आपात ऋण सुविधा की घोषणा की है. मुश्किल में फंसे एमएसएमई के लिए एक अन्य उपाय सरकार की तरफ से दी गयी गारंटी के साथ तरलता विस्तार के तौर पर अधीनस्थ ऋण के जरिये समर्थन देने का किया गया है. फिक्की द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कुमार ने कहा, ‘फंड ऑफ फंड्स, मैं समझता हूं कि जल्द ही परिचालन में आ जाएगा. इस तरह के उपायों से वित्त के लिहाज से मदद की जा सकेगी.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत फंड ऑफ फंड्स का ऐलान किया था. इसके जरिये वहनीय और वृद्धि की संभावना वाले एमएसएमई की मदद की जा सकेगी. इक्विटी की भारी तंगी के बावजूद इस फंड के जरिये उन्हें मदद मिल सकेगी. सीतारमण ने कहा कि फंड ऑफ फंड्स योजना में एक मूल कोष होगा, जिसके अधीन कुछ छोटे कोष होंगे. इन कोषों के जरिये एमएसएमई को उनके आकार और क्षमता को बढ़ाने के लिए मदद की जा सकेगी. इसके साथ ही, एमएसएमई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा.

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फंड ऑफ फंड्स योजना के तहत ऊंचे कर्ज का दबाव झेल रहे एमएसएमई की 15 फीसदी पूंजी की खरीद का प्रस्ताव है. इसके जरिये अपने शुरुआती दौर से गुजर रहे स्टार्टअप्स को मदद दी जाएगी, जिनके लिए पेशेवर कंपनियों अथवा उद्यम पूंजी कोषों से पूंजी जुटाने की कोई संभावना नहीं है. रजनीश कुमार ने बैंकों के अन्य प्रयासों के बारे में बताया कि बैंक ने हाल ही में एमएसएमई के लिए एक ‘गोल्ड लोन’ योजना की शुरुआत की है. एक महीने के भीतर ही इस योजना के तहत 88 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है.

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उन्होंने कहा, ‘यह एक प्रकार से बेकार रखे गये सोने का व्यवसाय के लिए मौद्रीकरण करने के समान है. आपके आभूषण और सोने की सुरक्षा हम सुनिश्चित कर रहे हैं, आपको लॉकर के लिए भी भुगतान नहीं करना है. इस योजना को अच्छा समर्थन मिल रहा है और हम इस उत्पाद को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.

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Posted By : Vishwat Sen

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