Richest Countries 2025: जब हम किसी देश की अमीरी की बात करते हैं, तो अक्सर कुल GDP का नाम सबसे पहले लिया जाता है. लेकिन क्या सच में सिर्फ GDP यह बताता है कि किसी देश के लोग कितनी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं? असल तस्वीर तब सामने आती है जब हम GDP per capita (PPP) को देखते हैं, क्योंकि इसमें आबादी और महंगाई दोनों का हिसाब होता है. IMF के 2025 के अनुमान बताते हैं कि दुनिया के कुछ छोटे-छोटे देश भी आम लोगों के स्तर पर बेहद अमीर हैं. आइये जानते हैं कौन से वो देश हैं.
असली अमीरी कैसे मापी जाती है?
मान लीजिए किसी देश की GDP बहुत बड़ी है, लेकिन आबादी भी बहुत ज्यादा है, तो हर व्यक्ति तक पहुंचने वाली समृद्धि कम हो सकती है. GDP per capita (PPP) यही दिखाता है कि एक औसत नागरिक कितनी सुविधाएं अफोर्ड कर सकता है. यही वजह है कि यह माप युवा पीढ़ी के लिए ज्यादा मायने रखता है.
GDP प्रति व्यक्ति (PPP) के आधार पर 2025 के दुनिया के सबसे अमीर देश
| रैंक | देश | GDP प्रति व्यक्ति (PPP, 2025 अनुमान, USD) | मुख्य वजह |
|---|---|---|---|
| 1 | लिकटेंस्टीन | $201,112 | हाई-प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग और मजबूत फाइनेंशियल सेक्टर |
| 2 | सिंगापुर | $156,969 | टेक्नोलॉजी, ट्रेड, शिक्षा और बेहतरीन गवर्नेंस |
| 3 | लक्ज़मबर्ग | $152,395 | ग्लोबल फाइनेंशियल हब और ग्रीन फाइनेंस |
| 4 | आयरलैंड | $147,878 | मल्टीनेशनल कंपनियां, टेक और फार्मा सेक्टर |
| 5 | क़तर | $122,283 | प्राकृतिक गैस और LNG एक्सपोर्ट |
| 6 | नॉर्वे | $106,694 | तेल-गैस और दुनिया का सबसे बड़ा सॉवरेन वेल्थ फंड |
| 7 | स्विट्ज़रलैंड | $97,659 | फार्मा, प्रिसिशन इंजीनियरिंग और स्थिर अर्थव्यवस्था |
| 8 | ब्रुनेई | $94,472 | तेल-गैस और छोटी आबादी |
| 9 | गुयाना | $94,189 | हालिया तेल खोज और तेज़ आर्थिक विकास |
| 10 | अमेरिका | $89,598 | टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और विविध अर्थव्यवस्था |
छोटे देश बड़ी कमाई कैसे कर रहे हैं?
लिकटेंस्टीन, सिंगापुर और लक्जमबर्ग जैसे देश साइज में छोटे हैं, लेकिन सोच में बहुत आगे हैं. यहां हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंस और इनोवेशन पर फोकस किया गया है. सिंगापुर ने शिक्षा और गवर्नेंस को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया है, जबकि लक्जमबर्ग ने खुद को ग्लोबल फाइनेंशियल हब के रूप में स्थापित किया है.
तेल-गैस ने किन देशों की किस्मत बदली?
कतर, नॉर्वे, ब्रुनेई और अब गुयाना जैसे देशों ने अपने प्राकृतिक संसाधनों को समझदारी से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. नॉर्वे ने तेल की कमाई को खर्च करने के बजाय भविष्य के लिए सेव किया है, जबकि गुयाना जैसे देश ने हालिया तेल खोज से अपनी अर्थव्यवस्था की तस्वीर ही बदल दी है.
बड़ी आबादी के बावजूद अमेरिका टॉप में क्यों?
अमेरिका भले ही आबादी में बड़ा हो, लेकिन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, यूनिवर्सिटीज और मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम की वजह से वह अब भी दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाता है.
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