RBI Master Directions: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के बैंकिंग और वित्तीय सिस्टम को और स्पष्ट और सरल बनाने की बड़ी पहल की है. सालों से अलग-अलग समय पर जारी हुए हजारों सर्कुलर और निर्देशों को अब RBI ने एक साथ जोड़कर एक नए रूप में तैयार किया है. इसे Master Directions कहा गया है. इस बदलाव का मकसद है कि बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को नियम समझने में परेशानी न हो और उनका समय भी बच सके.
क्या बदला RBI के नियमों में?
RBI ने बताया कि पहले विभिन्न नियमों को समझने के लिए कई दस्तावेज देखने पड़ते थे. अब RBI ने करीब 9000 से ज्यादा पुराने नियमों को मिलाकर 244 Master Directions जारी कर दिए हैं. इससे बैंक, NBFC और अन्य संस्थाओं के लिए गाइडलाइन्स ढूंढना और पालन करना काफी आसान हो पाएगा.
किन संस्थाओं पर होगा असर?
यह नए नियम 11 तरह की Regulated Entities पर लागू होने वाली हैं. जैसे Commercial Banks, Small Finance Banks, Payments Banks, Urban और Rural Co-operative Banks, All India Financial Institutions और NBFCs आदि. RBI का कहना है कि इससे देश में व्यवसाय करना आसान होगा और Compliance का दबाव कम पड़ेगा.
क्यों जरूरी था नियमों का ये बदलाव?
वित्तीय दुनिया लगातार बढ़ रही है. नए हालात और जोखिमों की वजह से RBI को समय-समय पर नए नियम लाने पड़ते थे. लेकिन पुराने नियम हटाए नहीं गए थे, जिससे सिस्टम में Confusion बढ़ सकता था. इसी समस्या को खत्म करने के लिए ये बड़ा कदम उठाया गया है.
क्या बोले लोग और संस्थाएं?
RBI ने Master Directions का ड्राफ्ट जनता के सुझाव के लिए भी खोला था. जिसपर उन्हें 770 से ज्यादा कमेंट्स मिले है. जहां कुछ सुझाव नियम बदलने से जुड़े थे, तो उन्हें अभी शामिल नहीं किया गया है. लेकिन बाकी जरूरी सुझावों को ध्यान में रखते हुए ही अंतिम Master Directions तैयार किए गए हैं.
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