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GST नियमों में प्रक्रियागत बदलाव की अधिसूचना जारी, गलत तरीके से ITC लेने पर लगेगा ब्याज

GST Rules: नये नियमों के मुताबिक, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में जिन इकाइयों का सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है, उन्हें वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गयी है.

GST Rules: नरेंद्र मोदी सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) के नियमों में कुछ प्रक्रियागत बदलाव किये हैं. इसमें ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (ITC) का गलत तरीके से उपयोग पर ब्याज लगाना और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सालाना रिटर्न भरने को लेकर कारोबार की सीमा बढ़ाना शामिल हैं. जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह बैठक में इन बदलावों पर विचार-विमर्श किया था.

जीएसटीएन पोर्टल पर कर सकेंगे भुगतान

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जो संशोधन अधिसूचित किये हैं, उनके अनुसार कंपनियों को आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) जैसी भुगतान प्रणाली के जरिये जीएसटीएन पोर्टल पर कर भुगतान करने की अनुमति दी गयी है.

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दो करोड़ रुपये तक के कारोबार पर वार्षिक रिटर्न भरने से छूट

नये नियमों के मुताबिक, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में जिन इकाइयों का सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है, उन्हें वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गयी है. संशोधन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि गलत तरीके से ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (आईटीसी) का लाभ लेने पर ब्याज तभी लगेगा, जब प्राप्त राशि का उपयोग किया गया है.

अमल में आ गया है प्रावधान

वित्त विधेयक में गलत तरीके से आईटीसी लेने और उसके उपयोग पर ब्याज वसूलने का प्रावधान किया गया था. प्रावधान पांच जुलाई से अमल में आ गया है. पूर्व तिथि 1 जुलाई, 2017 यानी जीएसटी लागू होने के दिन यह क्रियान्वित होगा.

ब्याज तभी लगेगा, जब राशि का उपयोग हुआ हो: महेश जय सिंह

डेलॉयट इंडिया के भागीदार महेश जय सिंह (अप्रत्यक्ष कर मामलों के प्रमुख) ने कहा कि अधिसूचना के तहत धारा 50 (3) में पिछली तिथि से संशोधन किया गया. इसके जरिये स्पष्ट किया गया है कि गलत तरीके से आईटीसी लेने पर ब्याज तभी लगेगा, जब प्राप्त राशि का उपयोग हुआ हो.

छोटे कारोबारियों को होगा फायदा: अभिषेक जैन

केपीएमजी इंडिया के भागीदार (अप्रत्यक्ष कर प्रमुख) अभिषेक जैन ने कहा कि इन बदलावों से छोटे कारोबारियों को अनुपालन में मदद मिलेगी. इसके अलावा दो करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाले करदाताओं का बोझ भी कम होगा.

कई और महत्वपूर्ण बदलाव हुए

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जो अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, उनमें वित्त वर्ष 2017-18 के ऑर्डर जारी करने के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 (कर का निर्धारण) के तहत दी गयी समयसीमा में विस्तार भी शामिल है. अब यह समयसीमा 30 सितंबर, 2023 है. हालांकि, किसी अन्य वित्त वर्ष के लिए समयसीमा नहीं बढ़ायी गयी है. इन बदलावों को जीएसटी परिषद ने 28-29 जून को हुई बैठक में मंजूरी दी थी.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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