Pradhan Mantri Jan Dhan Yojna: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को नई दिशा दे दी है. गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए खोले गए इन खातों में पहली बार 2.75 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम जमा होकर सरकार और बैंकों दोनों को चौंका रही है. यह संकेत है कि ग्रामीण और आम जनता अब बैंकिंग को सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सुरक्षा मान रही है.
औसत बैलेंस बताता है खातों का असली इस्तेमाल
हैदराबाद में ASCI की 69वीं फाउंडेशन डे लेक्चर में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नगराजु ने बताया कि जन धन खातों में औसत बैलेंस 4,815 रुपये है. यह दर्शाता है कि लोग खाते केवल खोल नहीं रहे, बल्कि उन्हें बचत और लेनदेन के लिए सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं.
महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों का दबदबा
देश में अब तक खोले गए 57 करोड़ से ज्यादा जन धन खातों में से 78% गांवों और छोटे शहरों के लोगों के पास हैं. वहीं करीब आधे खाते महिलाओं के नाम पर हैं. यह बदलाव बताता है कि बैंकिंग सेवाएं अब देश के उस वर्ग तक पहुँच चुकी हैं, जो पहले इन सुविधाओं से दूर था.
DBT ने सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाई
सरकार ने इस वर्ष 3.67 लाख करोड़ रुपये की रकम सीधे जनता के खातों में ट्रांसफर की है. सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति, किसान सहायता सारी सरकारी मदद बिना बिचौलियों के सीधे लाभार्थियों तक पहुँची है. इस प्रक्रिया ने सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता को नया स्तर दिया है.
LIC भी तैयार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए
लेक्चर के दौरान एम. नगराजु ने बताया कि LIC आने वाले महीनों में अपनी सभी सेवाओं को डिजिटल मोड में शिफ्ट कर रही है. पॉलिसी खरीद, प्रीमियम भुगतान और क्लेम सभी प्रक्रियाएं आसान, तेज और पूरी तरह ऑनलाइन होने जा रही हैं.
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क्या संकेत देती है यह बड़ी उपलब्धि?
- गरीब परिवार अब बचत को प्राथमिकता दे रहे हैं.
- महिलाएं आर्थिक तौर पर पहले से ज़्यादा सशक्त हो रही हैं.
- बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है.
- डिजिटल इंडिया का असर जमीन पर दिखने लगा है.
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