PM Shree Scheme: देश में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शिक्षा मंत्रालय के द्वारा विभिन्न स्तरों पर काम किया जा रहा है. कई ऐसे स्कीम हैं जो बच्चों को स्कूल से जोड़ने और बेहतर सुविधा के साथ शिक्षा देने के लिए चलाये जा रहे हैं. ऐसी ही एक योजना है ‘पीएम श्री योजना’. पीएम श्री योजना का अर्थ है पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया. इस योजना के जरिये नयी शिक्षा नीति के तहत देश के 14,500 स्कूलों को अपग्रेड किया जाना है. पीएम श्री योजना से इन स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख से ज्यादा बच्चों को सीधे-सीधे लाभ मिलने वाला है. अच्छी बात ये है कि शिक्षा मंत्रालय के इस योजना का लाभ केवल सरकारी स्कूलों को मिलेगा. इसका चयन राज्य सरकार के साथ मिलकर मंत्रालय करता है.
चार सालों में स्कूलों को अपग्रेड करेगी सरकार
शिक्षा मंत्रालय के द्वारा चलाये जा रहे इस योजना के तहत साल 2022-23 से साल 2026 तक स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए वृह्द स्तर काम किया जा रहा है. योजना के तहत सरकार, चार सालों में 27,360 करोड़ रुपये खर्च करेगी. पीएम श्री योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए नयी तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेलकूद की पूरी व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को विशेष रुप से डेवलप किया जाएगा. इस योजना के पहले चरण के तहत 6207 राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूलों और नवोदय विद्यालय समिति के स्कूलों का चयन किया है. इसके लिए 630 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है.
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क्या है योजना की खास बातें
योजना के तहत नए विद्यालयों की स्थापना और मौजूदा विद्यालयों को मजबूती से सुधार करना है.
अध्ययन सामग्री और पुस्तकों की उपलब्धता को बढ़ाना ताकि छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके.
स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा को प्रोत्साहित करना ताकि छात्र कंप्यूटर का सही उपयोग कर सकें और आधुनिक तकनीक के साथ काम करने में सक्षम हों. इसका उद्देश्य महिला छात्रों की शिक्षा को बढ़ाना और उन्हें उचित शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना है.
तीन चरणों में होगा स्कूल का चयन
पूरे देश में योजना के तहत 14,597 स्कूलों का चयन तीन चरणों में किया जाना था. इसके लिए सभी आवेदन करने वाले स्कूलों में प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जाता है. स्कूलों की कूल संख्या पर हर ब्लाक से दो स्कूल- एक प्राथमिक और एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल का चयन किया जाना है. साथ ही, स्कूलों के चयन और निगरानी के लिए स्कूलों की जियो टैगिंग की जाएगी. योजना के लिए स्कूलों को खुद आवेदन करना होगा. सरकार के पोर्टल को आवेदन के लिए साल में चार बार खोला जाएगा यानी हर तिमाही में एक बार. स्कूलों को खुद योजना में शामिल होने के लिए आवेदन करना होता है.