North Bengal Tea Garden: उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने चाय उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है. कई बागानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है और हजारों श्रमिकों का कामकाज बाधित हुआ है. चाय उद्योग ने सरकार से सहायता पहुंचाने की मांग की है.
मेचपारा चाय बागान में भारी नुकसान
सबसे अधिक प्रभावित मेचपारा चाय बागान में बाढ़ के पानी ने लगभग 2,000 चाय की झाड़ियों और 30 हेक्टेयर बागान क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया. 30 फुट का तटबंध, 100 फुट लंबी सड़क और तीन पुलिया पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे बागान के भीतर आवाजाही बाधित हो गई. इस बागान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 6,000 श्रमिक काम करते हैं.
नागराकाटा बागान में फैक्ट्री को नुकसान
नागराकाटा चाय बागान में बाढ़ के पानी ने 30 फुट ऊंची फैक्ट्री की दीवार ढहा दी, जिससे लगभग 10,000 किलोग्राम प्रसंस्कृत चाय बह गई. दक्षिण सुखनबरी डिवीजन में लगभग 40 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न हुआ. स्थानीय पैदल पुल और सड़क भी बह गए हैं, जिससे लगभग 8,000 निवासियों की आवाजाही प्रभावित हुई है.
कुर्ती और चेंगमारी बागानों की स्थिति
कुर्ती चाय बागान में तीन आंतरिक सड़कें बह गईं, कई ह्यूम पाइपों को नुकसान हुआ और घाटिया नदी का रुख बागान की ओर मोड़ गया. क्षेत्र का सबसे बड़ा बागान, चेंगमारीभी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसमें लगभग 3,500 श्रमिक कार्यरत हैं और 1,450 हेक्टेयर भूमि है. बागान अस्पताल में पानी भर गया, जिससे मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
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अनुमानित नुकसान और राहत की आवश्यकता
टीएआई के अनुसार, कुल अनुमानित नुकसान 80 लाख रुपये से लेकर चेंगमारी बागान में 5 से 5.5 करोड़ रुपये तक है. सुमित घोष ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल राहत और बुनियादी ढांचा सहायता की अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि बिना त्वरित हस्तक्षेप के हजारों श्रमिकों की आजीविका और चाय बागानों की स्थिरता खतरे में है.
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