Nepal Richest Businessman: नेपाल इस समय अशांति और उथल-पुथल से गुजर रहा है. सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा और भारी विरोध के बाद सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा. लेकिन हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं. राजनीतिक संकट और हिंसा से घिरे नेपाल की चर्चा अब दुनियाभर में हो रही है. इसी बीच लोगों की दिलचस्पी एक और विषय में बढ़ी है. आखिर नेपाल का सबसे अमीर व्यक्ति कौन है और उनकी सफलता की कहानी क्या है? तो चलिए जानते हैं कि नेपाल का सबसे अमीर व्यक्ति कौन है.
फोर्ब्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बिनोद चौधरी नेपाल के सबसे अमीर शख्स हैं. इनकी कुल संपत्ति करीब 2 अरब डॉलर (लगभग 15,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है.बिनोद चौधरी का जन्म 14 अप्रैल 1955 को काठमांडू (नेपाल) में हुआ था. उनका परिवार मूल रूप से राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के फतेहपुर से संबंधित है. उनके दादा वर्षों पहले नेपाल आकर कपड़े का व्यापार करने लगे थे. बाद में उनके पिता ने ‘अरुण एम्पोरियम’ नाम से नेपाल का पहला डिपार्टमेंटल स्टोर स्थापित किया.
व्यवसायिक यात्रा की शुरुआत (Nepal Richest Businessman)
केवल 23 वर्ष की आयु में चौधरी ने पारिवारिक कारोबार संभाल लिया. थाईलैंड यात्रा के दौरान उन्होंने इंस्टेंट नूडल्स का विचार देखा और नेपाल में “वाइ-वाइ” नूडल्स की शुरुआत की. यह उत्पाद देखते ही देखते न सिर्फ नेपाल, बल्कि भारत और एशिया के अन्य देशों में भी लोकप्रिय हो गया. आज वाइ-वाइ नूडल्स 30 से अधिक देशों में बिकता है और लाखों लोगों की पसंद है.
आज चौधरी ग्रुप नेपाल की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी है. इसके तहत 80 से अधिक कंपनियां और 60 से अधिक ब्रांड्स आते हैं. वाइ-वाइ नूडल्स के अलावा यह समूह सीमेंट, होटल, रियल एस्टेट, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भी काम करता है. भारत, मध्य-पूर्व और अफ्रीकी देशों में भी इसके कारोबार फैले हुए हैं.
संपत्ति और अंतरराष्ट्रीय पहचान
साल 2013 में पहली बार फोर्ब्स ने बिनोद चौधरी को अरबपति घोषित किया. उस समय उनकी संपत्ति लगभग 1 अरब डॉलर थी. वर्तमान में (2025) उनकी नेटवर्थ बढ़कर करीब 2 अरब डॉलर हो चुकी है. फोर्ब्स की दुनिया के अमीर व्यक्तियों की सूची में वे 1763वें स्थान पर हैं.
राजनीति और समाज सेवा
बिनोद चौधरी एक सक्रिय राजनीतिज्ञ भी हैं. वे नेपाल की संविधान सभा और प्रतिनिधि सभा के सदस्य रह चुके हैं. दिसंबर 2022 से वे फिर से सांसद के रूप में कार्य कर रहे हैं. उनका “चौधरी फाउंडेशन” शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और ग्रामीण विकास जैसे सामाजिक क्षेत्रों में काम करता है. 2015 के भूकंप के दौरान चौधरी फाउंडेशन ने नेपाल में राहत और पुनर्वास कार्यों में बड़ी भूमिका निभाई थी.
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