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Mutual Funds में निवेशकों को बढ़ा भरोसा, फरवरी में 23 प्रतिशत बढ़ा निवेश, जानें पूरी रिपोर्ट

Mutual Funds: एम्फी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये योगदान जनवरी के 18,838 करोड़ रुपये को पार करते हुए फरवरी में 19,186 करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया.

Mutual Funds में बेहतर रिटर्न से निवेशकों का भरोसा इसकी तरफ बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए निवेशक रिस्क उठाने से कतरा नहीं रहे हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड ने फरवरी में 26,866 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ है. ये पिछले 23 महीनों का सबसे ज्यादा मासिक निवेश है. सेक्टर बेस्ड अंड के लिए बड़े पैमाने पर दिलचस्पी दिखाने और नई फंड पेशकश (NFO) की वजह से इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश बढ़ा है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का फरवरी का आंकड़ा जनवरी के 21,780 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 23 प्रतिशत अधिक है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के निकाय एम्फी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये योगदान जनवरी के 18,838 करोड़ रुपये को पार करते हुए फरवरी में 19,186 करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया.

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फरवरी में खुले 49.79 एसआईपी खाते

एम्फी (Association of Mutual Funds in India) के मुख्य कार्यपालक वेंकट चलसानी ने कहा कि हमने फरवरी 2024 में देखा कि 49.79 लाख नए एसआईपी पंजीकरण के साथ कुल 8.20 करोड़ एसआईपी खाते हो गए हैं. यह अनुशासित धन संचय के लिए निवेशकों की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में फरवरी में 1.2 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया, जो जनवरी के लगभग बराबर ही था. इसमें ऋण-उन्मुख योजनाओं में 63,809 करोड़ रुपये, इक्विटी योजनाओं में 26,866 करोड़ रुपये और हाइब्रिड योजनाओं में 18,105 करोड़ रुपये का योगदान रहा. मजबूत प्रवाह ने फरवरी के अंत में प्रबंधन-अधीन शुद्ध संपत्ति (एयूएम) को जनवरी के 52.74 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 54.54 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.

मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेश गिरा

फरवरी के महीने में मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश गिरा है. मिडकैप फंड्स में निवेश 12 प्रतिशत और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश करीब 10 प्रतिशत गिरा है. हालांकि, अभी भी मिडकैप फंड्स में निवेश 1808 करोड़ रुपये और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश 2922 करोड़ रुपये मौजूद है. इसे किसी भी कैप के लिए हेल्दी निवेश लेवल के रुप में देखा जाता है. इसे पिछले कारण माना जा रहा है कि जनवरी के आखिरी सप्ताह में सेबी ने मिडकैप और स्मॉलकैप में रिस्क बढ़ने के खतरे की आशंका जताई थी. इसे लेकर सेबी ने म्यूचुअल फंडों से कहा था कि वो अपने स्मॉल कैप और मिडकैप फंड्स पोर्टफोलियो की अच्छे से स्टडी करें और पता करें कि उनमें कितनी लिक्विडिटी है. साथ ही, वे अपने बेंचमार्क की तुलना में कितना ज्यादा वोलेटाइल हैं.

डेट फंडों और कॉरपोरेट बॉन्ड कैटेगरी में भी हुआ निवेश

Mutual Fund बाजार में फरवरी के महीने में डेट फंडों और कॉरपोरेट बॉन्ड कैटेगरी में भी निवेश देखने को मिला. महीने में ओपन-एंडेड इक्विटी फंड्स में निवेश 26,865.78 करोड़ रुपये हुआ. जबकि, डेट फंडों में 63,809 करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ. जो जनवरी के महीने में हुए 76,469 करोड़ रुपए के निवेश से 12,660 करोड़ रुपये कम था. हालांकि, इस दौरान शॉर्ट टर्म लिक्विड फंड कैटेगरी में 83,642 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश देखने को मिला और कॉरपोरेट बॉन्ड कैटेगरी में 3,029 करोड़ रुपये का निवेश आया.

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