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हिंडनबर्ग मामले में Madhabi Puri Buch को मिला क्लीन चिट, लोकपाल ने याचिका की खारिज

Madhabi Puri Buch: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर सेबी की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच पर लगे भ्रष्टाचार और हितों के टकराव के आरोपों को लोकपाल ने खारिज कर दिया है. लोकपाल ने इन शिकायतों को निराधार और राजनीतिक प्रेरित बताया, जिससे बुच को क्लीन चिट मिली है. यह निर्णय सेबी की निष्पक्षता और पारदर्शिता को पुनः स्थापित करता है और भारतीय बाजार नियामक की साख को मजबूत करता है.

Hindenburg Research: पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए सभी आरोपों से लोकपाल ने क्लीन चिट दे दी है. लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतों में लगाए गए आरोप केवल धारणाओं पर आधारित हैं और उनके पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं है. इस फैसले से बुच को बड़ी राहत मिली है और सेबी की साख पर उठे सवालों पर भी विराम लगा है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट बना था आधार

पिछले साल तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य शिकायतकर्ताओं ने लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज की थी. इस शिकायत का मुख्य आधार हिंडनबर्ग रिसर्च की वह रिपोर्ट थी जो 10 अगस्त, 2024 को प्रकाशित हुई थी. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति की अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका कथित तौर पर उपयोग अदाणी समूह से जुड़े कोष की हेराफेरी में किया गया.

लोकपाल ने कहा – आरोप सिर्फ धारणा पर आधारित

लोकपाल की छह सदस्यीय पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि शिकायतें सिर्फ अनुमान और संदेह पर आधारित हैं, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर कर रहे थे. आदेश में स्पष्ट किया गया कि इस रिपोर्ट के अलावा कोई स्वतंत्र और प्रमाणिक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे आरोपों की पुष्टि हो सके.

मौखिक सुनवाई और जवाब दाखिल

लोकपाल ने 8 नवंबर 2024 को शिकायतकर्ताओं की याचिका पर कार्यवाही शुरू की थी और माधबी बुच से स्पष्टीकरण मांगा था. उन्हें 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया था. इसके बाद बुच ने 7 दिसंबर को हलफनामे के माध्यम से जवाब दाखिल किया. इसमें उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया और उनके पीछे की मंशा पर सवाल उठाए. 19 दिसंबर को लोकपाल ने शिकायतकर्ताओं और बुच को मौखिक सुनवाई का अवसर दिया था.

कोई कार्रवाई नहीं, मामला बंद

लोकपाल ने माना कि शिकायतकर्ता आरोपों को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अलग साबित नहीं कर सके. उन्होंने जो अन्य तर्क दिए, वे भी प्रमाणिक नहीं पाए गए. इसके आधार पर लोकपाल ने मामले को समाप्त करते हुए सभी शिकायतों को खारिज कर दिया और किसी भी आपराधिक या प्रशासनिक कार्रवाई की आवश्यकता नहीं बताई.

बुच का कार्यकाल और सेबी से विदाई

माधबी पुरी बुच ने 2 मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन के रूप में कार्यभार संभाला था और वह 28 फरवरी 2025 को अपने पद से सेवानिवृत्त हुईं. हिंडनबर्ग विवाद के चलते उनके कार्यकाल के अंतिम समय में कुछ गंभीर आरोपों की आंच आई थी, लेकिन अब लोकपाल की जांच के बाद उन्हें पूरी तरह से क्लीन चिट मिल गई है.

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हिंडनबर्ग रिसर्च का अंत

हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक ने जनवरी 2025 में कंपनी के बंद होने की घोषणा कर दी थी. इस रिपोर्टिंग फर्म की कई रिपोर्ट्स ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचाई थी, लेकिन आलोचनाओं और विवादों के चलते उसका अंत हो गया. यह फैसला बुच के पेशेवर जीवन पर लगे धब्बों को हटाने का काम करेगा और सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में निष्पक्षता की मिसाल पेश करेगा.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
Deputy Chief Content Writer in Prabhat Khabar Digital With Experience of More than 24 Years in Print and Digital Media. One Book Published on 300 years hindi Journalism in Rajasthan Book Named Naye aayam ki khoj : Rajasthan Patrkarita.

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